मेरठ में लापरवाही से महिला और नन्ही जान की मृत्यु पर अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा दी ये बड़ी बात
देश में लॉक डाउन के बीच लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य महकमा भी कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी की वजह से इस समय बहुत सचेत है। वहीं कल स्वास्थ्य सेवाओं का दंभ भरने वाली व्यवस्था के बीच प्रसव पीड़ा से बिलखती महिला और उसके बच्चे की जान चली गई। काशीपुर से आई महिला प्रसव पीड़ा से परेशान रही और आखिरकार एंबुलेंस में उसने एक नन्ही सी जान को जन्म दिया था। हालांकि समय पर इलाज ना मिल पाने की वजह से पिता की गोद में ही उस बच्चे ने अपना दम तोड़ दिया। इसके बाद नवजात को दफना दिया गया और उसके कुछ समय बाद ही महिला की जान बचाने के लिए बैलगाड़ी से शहर से लेकर देहात तक पहुंचने पर भी मौत ने महिला का पीछा नहीं छोड़ा। जिसके बाद इलाज ना मिल पाने की वजह से महिला की भी मृत्यु हो गई थी। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और सरकार पर निशाना साधा है।
कोरोनाकाल की आर्थिक तंगी से उपजे अवसाद के कारण युवाओं की आत्महत्याओं की ख़बरें दुखद हैं. आज सरकार की असंवेदनशीलता व दिशाहीन नीतियों की वजह से जो निराशा फैल रही है, वो चिंता का विषय है.
अपने संकल्प व सच्चे नेतृत्व से जनता में विश्वास जगाये रखना भी सरकारों का ही दायित्व होता है. pic.twitter.com/T6l4oB6Hok
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 30, 2020
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि कोरोनाकाल की आर्थिक तंगी से उपजे अवसाद के कारण युवाओं की आत्महत्याओं की ख़बरें दुखद हैं। आज सरकार की असंवेदनशीलता व दिशाहीन नीतियों की वजह से जो निराशा फैल रही है, वो चिंता का विषय है।
उन्होंने आगे लिखा है कि “अपने संकल्प व सच्चे नेतृत्व से जनता में विश्वास जगाये रखना भी सरकारों का ही दायित्व होता है।” अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों पर सीधा सीधा सवाल खड़े कर दिए हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि आर्थिक तंगी से उपजे अवसाद के कारण युवाओं की आत्महत्या की खबर दुखद है। और सरकार की संवेदनशीलता बदाशाह इन नीतियों की वजह से निराशा फैल रही। इस ट्वीट में अखिलेश यादव ने यह खबर भी एक अखबार के जरिए पोस्ट की है। जिसमें महिला और बच्चे की मृत्यु हुई थी।
बता दें कि कल मेरठ में जिस महिला की मृत्यु हुई थी उनका नाम अनीता था। गर्भवती अनिता को गुरुवार को प्रसव पीड़ा होने लगी तो उसे जैसे-तैसे एंबुलेंस में मेरठ लाया गया। महिला के पति जीतेंद्र व परिजनों का आरोप है कि मेडिकल अस्पताल पहुंचे, लेकिन भर्ती नहीं किया गया। जिला महिला अस्पताल ले जाने को कहा गया। महिला अस्पताल पहुंचे तो दवा खिलाकर डिलीवरी से इनकार करते हुए वापस भेज दिया गया। इस बीच दर्द से महिला बिलखती रही।
वहीं परिजनों ने बताया कि अनिता ने बच्चे को एंबुलेंस में ही जन्म दिया। जिसके बाद वह प्रसव चिकित्सा की जानकारी रखने वाली महिला के पास पहुंचे। महिला ने बच्चे की नाल काट दी और अस्पताल ले जाने को कहा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इसी बीच बच्चे की सांसें भी रुकने लगी थी और जितेंद्र की गोद में ही उस मासूम ने दम तोड़ दिया।
इसके बाद जब अनीता की भी हालत बिगड़ने लगी तो उनको अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन ना होने की वजह से उन्हें बैलगाड़ी जोड़ी और प्रसूता को बैलगाड़ी से ही गांव नंगला में भगत जी के पास ले जाया गया मगर तब तक बैलगाड़ी में ही महिला ने दम तोड़ दिया।