फडणवीस के इस्तीफे की ख़ुशी उत्तर प्रदेश पहुंची, अखिलेश यादव ने किया ट्वीट #NoMoreBJP
महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठा पाठक के बीच देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है | जिसके बाद विपक्ष लगातार बीजेपी पर तंज कस रहा है | वहीँ इस पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है | उन्होंने ट्वीट कर बीजेपी पर कटाक्ष किया है | हालांकि उन्होंने ट्वीट में किसी भी नेता का नाम नहीं लिया है |
उन्होंने ट्वीट किया कि “आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार |”
ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा है की “विशेष सांविधानिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए किसी और को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए | जिनकी ‘भोर की भूल’ ने आज देश को सारे विश्व के सामने शर्मिंदा किया है |”
इसी के साथ अंत में अखिलेश यादव ने एक हैशटैग भी दिया है | यह हैशटैग है #NoMoreBJP |
आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार.
विशेष सांविधानिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए किसी और को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए, जिनकी ‘भोर की भूल’ ने आज देश को सारे विश्व के सामने शर्मिंदा किया है. #NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 26, 2019
बता दें कि फडणवीस ने इस्तीफे का एलान प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ”हम विधानसभा चुनाव में शिवसेना के साथ लड़े और बीजेपी-शिवसेना को बहुमत मिला। हमारा स्ट्राइक रेट अच्छा था।” फडणवीस ने कहा कि चुनाव से पहले शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि जो तय ही नहीं था वह मांग की गई, शिवसेना ने यहां तक कह दिया कि हमारे रास्ते खुले हैं। यहां ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना दोनों साथ चुनाव लड़ी थी।
देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दोनों नेताओं को 23 नवंबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई थी। राज्यपाल के फैसले को शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल शाम पांच बजे तक विधायकों को शपथ दिलाई जाए और इसके ठीक बाद फ्लोर टेस्ट हो। अब बहुमत साबित किए जाने से पहले ही अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया। इसके ठीक बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने इस्तीफा का एलान किया।