अखिलेश यादव ने योगी सरकार से पूछे सवाल, ‘अव्यवस्था के इस आलम में कैसे जीती जाएगी कोरोना से जंग?’
कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉक डाउन किया गया है। इस वजह से काफी लोगों को खाने पीने की दिक्कत भी हो रही है। लेकिन इस दौरान दिहाड़ी मजदूरों के अलावा जो परेशान है तो वो किसान है। जिनकी सहायता के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार को अवगत कराया है कि किसानों की अतिरिक्त सहायता बेहद जरूरी है। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले 2000 हजार रुपए तीन महीन तक देने की घोषणा की गई थी। अब तो कोरोना महामारी की आपदा के समय जब किसानों के सामने आर्थिक संकट है तो इस विपत्ति में फंसे इन लोगों से सभी राजस्व वसूली रोकी जाए, बैंक ऋणों पर ब्याज माफ हो। किसानों के उत्पाद मण्डी तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। फल, सब्जी का उचित मूल्य मिले, खेतों में खड़ी फसलों के काटने की व्यवस्था हो। गन्ना किसानों का पूरा बकाया भुगतान तत्काल कराया जाये। किसान सम्मान राशि बंद है। उसे तत्काल शुरू किया जाये।
साथ ही अखिलेश यादव ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संकट सरकारी और गैर सरकारी कोशिशों के बावजूद अभी थम नहीं रहा है। इसके प्रति जनता को जागरूक करने के लिए मेडिकल कर्मी, मीडिया कर्मी, स्वयंसेवी संगठन और आवश्यक सेवाओं से जुड़े बाकी विभागीय कर्मचारी सराहनीय साहसिक ढंग से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। लेकिन अचानक लॉकडाउन से कुछ समस्याएं भी सामने आ रही हैं जिनकी तरफ अभी सरकारी तंत्र ठीक से ध्यान नहीं दे रहा है। सरकार बड़े-बड़े दावे तो कर रही है लेकिन जमीन पर कोई इंतजाम नहीं है। गोण्डा, बलरामपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बदहाली का शिकार हैं। जिन लेखपालों के जिम्मे भोजन और स्वास्थ्य सामाग्रियों की जिम्मेदारी है वो नदारद मिल रहे हैं। अव्यवस्था के इस आलम में कैसे जीती जाएगी कोरोना से जंग?
साथ ही अखिलेश यादव ने सत्ता पर आसीन बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जबसे बीजेपी सत्ता में आई है तभी से ही किसानों की आफत के दिन शुरु हो गए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि बिना कार्ड धारक गरीबों को भी राशन के साथ हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाए, छात्र-छात्राओं की फीसमाफी की जाए और गरीब महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन का तुरन्त भुगतान किया जाए।