नए वित्त वर्ष की पहली छमाही में 5% पर आ सकती है खुदरा महंगाई: RBI
अनुकूल परिस्थितियों तथा कुछ खाद्य पदार्थों विशेषकर सब्जियों की कीमतों का दबाव कम होने से खुदरा महंगाई के इस साल नवम्बर-दिसम्बर तक नरम होकर 4.3 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है। रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने मौद्रिक नीति बयान मे इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई)के चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी से मार्च 2021) में 5.2 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है। इसी तरह नए वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से अगस्त 2021) में खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान पहले के 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
सी.पी.आई. आधारित खुदरा महंगाई
केन्द्रीय बैंक का कहना है कि खुदरा महंगई वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसम्बर 2021) में और नरम होकर 4.3 प्रतिशत पर आ सकती है। कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति पहली बार दिसम्बर तिमाही में 6 प्रतिशत के दायरे में आ गई। रिजर्व बैंक ने आने वाले समय में खुदरा महंगाई के और आसान होने का भी अनुमान व्यक्त किया। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी.पी.आई.) आधारित खुदरा महंगाई जून 2020 के बाद से 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा के पार थी।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग अब क्षीण स्थिति से उबर चुकी है। उन्होंने कहा कि अब मांग आने लगी है और इसमें सुधार की गति के बने रहने की उम्मीद है।