अखिलेश ने आजमगढ़ के लिए संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा राजा की तरह आए गए, अग्निवीर पर बवाल विपक्षियों की साजिश-मनोज तिवारी
आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के समर्थन में भोजपुरी स्टारों के साथ ही बीजेपी के वीआईपी नेताओं का जमावड़ा लग रहा है।
आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के समर्थन में भोजपुरी स्टारों के साथ ही बीजेपी के वीआईपी नेताओं का जमावड़ा लग रहा है। इसी क्रम में भाजपा के सांसद दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी मृदुल के साथ ही गायक रितेश पांडे व बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह भी आजमगढ़ पहुंचे। भाजपा के जिला कार्यालय पर मनोज तिवारी ने कहा कि आजमगढ़ को एक अवसर मिला है कि यहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ को संसद भेजें। उन्होंने कहा कि इससे पहले जो सांसद हुआ करते थे अखिलेश यादव जी उन्होंने आजमगढ़ के लिए संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा। चाहे वह तारांकित हो या बिना तारांकित का।
वह यहां राजा की तरह आते थे राजा की तरह जाते थे। यह देखा जा सकता है कि उनके सांसद बनने के बाद से उनके और दिनेश लाल यादव के आजमगढ़ आने की समीक्षा की जाए तो दिनेश लाल यादव ज्यादा आजमगढ़ आए होंगे। उन्होंने कहा कि दिनेश लाल यादव कलाकार के साथ ही सामाजिक दायित्व को भी अच्छी तरीके से समझते हैं उनको मौका मिलना चाहिए। मनोज तिवारी ने कहा कि वह आज रोड शो करने के लिए आए हैं और लोगों को बताएंगे कि दिनेश लाल यादव निरहुआ के आजमगढ़ से सांसद बनने पर विकास कैसे होगा उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव चाहते तो आजमगढ़ के लिए हजारों करोड़ की योजना ले आ सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किए मनोज तिवारी ने अपने बारे में कहा कि सांसद रहते हुए।
उन्होंने 8 साल में अपने क्षेत्र के लिए ₹13,600 की योजना ले आए। ऐसा अखिलेश भी यहां के लिए कर सकते थे। मनोज तिवारी ने अपने प्रसिद्ध गाने काशी अब सजने लगा है डमरु भी बढ़ने लगा है को भी सुनाया। वहीं दूसरी तरफ मनोज तिवारी ने कहा कि सेना में अग्निवीर भर्ती के मामले में इस समय युवाओं को भड़काने का काम विपक्षी दल कर रहे हैं यह बहुत ही गलत है क्योंकि युवाओं के लिए बहुत अच्छा मौका है। अग्निवीर के माध्यम से अपने कैरियर को बनाने का। इससे पहले एनसीसी कैडेट भी प्रशिक्षित किए जाते थे लेकिन अग्निवीर जवानों को पहले साल 30000 दूसरे साल 36000 और तीसरे साल ₹40000 मिलेंगे।