सचिवालय से अजित पवार को झटका, नहीं होंगे एनसीपी विधायाक दल के नेता !
महाराष्ट्र में सियासी दंगल हर पल एक नया मोड़ ले रहा है। जहाँ सोमवार को शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के ‘महा विकास आघाड़ी’ ने राज्य में सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश किया, वहीँ मंगलवार को राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को सचिवालय से बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव ने अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का नेता मानने से इंकार कर दिया है। उनके मुताबिक, एनसीपी ने जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता बनाया है।
महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा है कि एनसीपी के पत्र के आधार पर अब विधानसभा में एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होंगे और उनका व्हीप ही अंतिम होगा। यानी एनसीपी विधायकों का बीजेपी को समर्थन मात्र खोखला दावा रह गया है। बता दें कि शनिवार शाम एनसीपी ने अजित पवार को हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नया नेता चुना था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सियासी उथल पुथल के बीच शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सोमवार को राज्य में सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश किया है। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि तीन दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन गया, क्योंकि राज्य में मौजूदा सरकार निश्चित रूप से गिरने वाली है।
महा विकास आघाड़ी ने किया शक्ति प्रदर्शन
इसके साथ ही मंगलवार सुबह तीनो पार्टियों की तरफ से शक्ति प्रदर्शन शुरू किया गया। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 162 विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया और एकजुटता का मैसेज देने की कोशिश की। इस दौरान 162 विधायकों ने शरद पवार, सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे के नाम की शपथ ली, जिसमें किसी भी परिस्थिति में एक साथ रहने की बात कही गई। शक्ति प्रदर्शन के दौरान तीनों पार्टियों के शीर्ष नेता भी मौजूद रहे। वहीँ शरद पवार ने इस दौरान अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये मणिपुर-कर्नाटक नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र है। इसी क्रम में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर ट्वीट कर अपनी ताकत दिखाई। उन्होंने लिखा ‘162 के अलावा और भी.. बस इंतजार करें और देखें…’ |