सामने आई एयर इंडिया की बैलेंस शीट, इस घाटे ने हैरान कर दिया!

सरकारी हवाई सेवा कंपनी एयर इंडिया(Air India) को वित्त वर्ष 2018-19 में ज़बरदस्त घाटा झेलना पड़ा है। लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही एयर इंडिया को 8,400 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस(Foreign Exchange Loss) के चलते कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा है।

वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ का घाटा झेलने से एयर इंडिया को बड़ा झटका लगा है। हालांकि अधिकारियों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019-20 के अंत तक कर्ज में डूबी एअर इंडिया फिर से फायदे में आ जाएगी। उनके अनुसार यदि ईंधन(Crude Oil) की कीमतें अब और न बढ़ें, और विदेशी मुद्रा में ज्यादा उतार-चढ़ाव न आए तो एअर इंडिया को इस साल 700 से 800 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट हो सकता है। एअर इंडिया में लोड फैक्टर यानी सीट ऑक्यूपेंसी या यात्रियों की संख्या में सुधार हो रहा है।

कई एयरलाइन्स को हुआ नुकसान

एअर इंडिया फिलहाल 41 इंटरनेशनल और 72 घरेलू गंतव्यों तक अपनी उड़ानों का संचालन करती है। ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2 जुलाई तक एअर इंडिया को 491 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधि‍कारी के अनुसार जून की तिमाही में सिर्फ पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने की वजह से एयर इंडिया को 175 से 200 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ था। इस दौरान निजी एयरलाइंस स्पाइसजेट को 30.73 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था। वहीँ इंडिगो और गोएयर को क्रमश: 25.1 करोड़ रुपये और 2.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मौजूदा समय में भी भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने के कारण कंपनी को रोज 3 से 4 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है।

एयर इंडिया के घाटे से खरीदो स्पाइसजेट

विनिवेश के द्वारा इसकी सेहत को ठीक करने की तैयारी की जा रही है। एअर इंडिया पर कुल 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसे चुकाने के लिए एयरलाइंस को सालाना 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। एयरलाइंस को सुधारने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। एक स्पेशल परपज व्हीकल एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) की स्थापना की गई है। अगले कुछ हफ्तों में 22,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है। 7,000 करोड़ रुपये का ऐसा पहला बॉन्ड 16 सितंबर को जारी किया जा सकता है।

भारत में स्पाइसजेट का मार्केट कैपिटल केवल 7,892 करोड़ रुपये है। यानी 8,000 करोड़ रुपये से कम पूंजी में ही इस एयरलाइंस को खरीदा जा सकता है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को कुल 26,400 करोड़ रुपये की आय रही। हालांकि इस दौरान कंपनी को 4,600 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस उठाना पड़ा।

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