कीमत पर हुआ फैसला:एयर इंडिया के लिए मिनिमम रिजर्व प्राइस तय,
खरीदार का नाम भी फाइनल होने की संभावना
सरकार ने पब्लिक सेक्टर की कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए मिनिमम रिजर्व प्राइस तय कर दिया है। उसने अंतिम रूप से चुनी गई दो कंपनियों से आगे की बातचीत के लिए उनके प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया किसको बेची जाएगी, उसका नाम संभवत: तय कर लिया गया है।
विनिंग बिड का ऐलान कब होगा, यह अभी तय नहीं
एक सूत्र ने कहा, ‘सरकार ने बिड का विनर तय कर लिया है, इस बात की पूरी संभावना है।’ हालांकि, विनिंग बिड का ऐलान कब किया जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। शॉर्टलिस्ट किए गए बिडर्स- टाटा संस और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह (निजी तौर पर) के प्रतिनिधियों ने बुधवार को सरकारी अफसरों से मुलाकात की।
वैल्यूएशन को लेकर मंगलवार को प्रेजेंटेशन हुआ था
सूत्र के मुताबिक, एयर इंडिया के लिए रिजर्व प्राइस पर फैसला सचिवों की समिति (CoS) ने लिया है, लेकिन ब्योरा नहीं मिल पाया है। दूसरे सूत्र ने बताया कि कंपनी के वैल्यूएशन को लेकर मंगलवार को प्रेजेंटेशन दिया गया था। बताया जाता है कि टाटा ग्रुप होड़ में आगे चल रही है क्योंकि उसने ज्यादा ऊंची बोली लगाई है।
प्रोसेस में लगे हैं टाटा ग्रुप के 200 से ज्यादा एंप्लॉयी
टाटा ग्रुप ने अपनी बिड में इन्डेम्निटी क्लॉज लगाए हैं, ताकि आने वाले समय में देनदारी के अप्रत्याशित दावों से अपना बचाव कर सके। सूत्र के मुताबिक, बिडिंग प्रोसेस में टाटा संस की M&A टीम और बाहरी ऑडिटर्स के अलावा ग्रुप के 200 से ज्यादा एंप्लॉयी लगे हैं, जिनमें विस्तारा, एयरएशिया इंडिया, टाटा स्टील और इंडियन होटल्स के M&A स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं।
एयरपोर्ट पर बने ऑफिस और मेंटेनेंस सेंटरों का दौरा
सूत्र ने बताया कि एयरएशिया की टीम ने कई एयरपोर्ट पर बने एयर इंडिया के ऑफिस और मेंटेनेंस सेंटर का दौरा किया है और उनके कामकाजी पहलुओं की पड़ताल की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन्डेम्निटी क्लॉज लिमिटेड वैल्यू और समय के लिए प्रभावी हो सकता है। इसलिए टाटा ग्रुप एयर इंडिया की खरीदारी से पहले की देनदारी के दावों से बचाव के लिए सरकारी गारंटी मांग सकता है। इन्डेम्निटी क्लॉज में उन बातों का जिक्र होता है, जिनके चलते भविष्य में होने वाले नुकसान से एग्रीमेंट करने वाली पार्टी को सुरक्षा मिलती है।