वायुसेना की शक्ति में होगी दोगुनी वृद्धि, तेजस के साथ शामिल होने जा रहा ये विमान
नई दिल्ली, वायुसेना के लिए 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद के बाद भारत सरकार अब मिग-29 (MiG-29)और सुखोई-30 खरीद की दिशा में आधिकारिक रूप से आगे बढ़ रही है। इससे पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की तरफ से देश के अंदर निर्मित तेजस विमान खरीदने के 48,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी गई थी। सरकार की तरफ से जल्द ही 21 मिग-29 विमानों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रप्रोजल जारी किया जाएगा।
वायुसेना में शामिल होगा 268 सुखोई प्लेन
डिफेंस सोर्सेज के हवाले से मिली खबर के अनुसार यह प्रस्ताव रूस की सरकारी कंपनी रोसबोनएक्सपोर्ट को जारी होगा। नए मिग -29 (MiG) को पहले की अपेक्षा कम कीमतों पर खरीदा जाएगा। भारतीय वायुसेना (IAF) में मिग विमानों की संख्या बढ़कर 59 हो जाएगी। वायुसेना में अब तक 268 सुखोई प्लेन को शामिल किया है। सुखोई के मैन्युफैक्चरिंग का लाइसेंस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास है।
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जनवरी 2024 से दिसंबर 2028 वायुसेना में शामिल होगा तेजस
एयर फोर्स से मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के बाहर होने के बाद स्क्वॉड्रन की संख्या घटकर 30 रह जाएगी। साल 2024 तक बचे हुए चार मिग -21 “बाइसन्स” स्क्वाड्रन एयरफोर्स से बाहर हो जाएंगे। जबकि चीन और पाकिस्तान के खतरे से निपटने के लिए कम से कम 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत होगी। एक स्क्वॉड्र में 16-18 जेट होते हैं। जनवरी 2024 से दिसंबर 2028 तक 83 नए तेजस आने के बाद से भारतीय वायुसेना के ताकत में बढ़ोतरी होगी।
पिछले साल रक्षामंत्री ने दी थी इन विमानों को मंजूरी
पिछले साल जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने 21 एविएनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट्स के साथ 21 मिग -29 की खरीद के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी थी। इसके अलावा 59 मौजूदा जेट विमानों को अपग्रेड करने की बात भी शामिल थी। इस पर 7,418 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान था। वहीं, 10,730 करोड़ रुपये की लागत से 12 नई ट्विन-सीट सुखोई खरीदने की मंजूरी दी गई थी। इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता के साथ-साथ अतिरिक्त सप्लाई और पुर्जों, भी शामिल थे। वहीं, 42 सुखोई को मोडिफाई कर सटीक प्रहार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए तैयार करना भी शामिल था।