कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों को सरकार की पेशकश सर्वश्रेष्ठ, पुनर्विचार करें
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे तथा अपने फैसले से अवगत कराएंगे।
सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था।
सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनिर्वचार करने और अपने निर्णय से अवगत को कहा था। तोमर ने कहा, ‘‘सरकार ने किसान यूनियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि वे आपस में चर्चा कर हमें अपने निर्णय से अवगत कराएंगे। एक बार उनके द्वारा इस बारे में अवगत कराए जाने पर हम इसे आगे बढ़ाएंगे।’’
किसानों के तेवर कड़े, बजट के दिन संसद मार्च
किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस के बाद आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया है। गणतंत्र दिवस पर अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड से पहले प्रदर्शकारी किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि वे एक फरवरी को केंद्रीय सालाना बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ कूच करेंगे।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडिग हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। साफ है कि किसान तीनों नए कृषि कानूनों और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक फरवरी को बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे। जहां तक कल की ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है।’’