फेसबुक वाइस प्रेसिडेंट को भेजे समन के खिलाफ, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द समिति (Delhi Assembly peace and harmony committee) की ओर से भेजे गए समन के खिलाफ फेसबुक इंडिया (Facebook) के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन और अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. समिति ने इन लोगों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामलों में गवाह के तौर पर अपने सामने पेश न होने पर समन जारी किए थे. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने 24 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलों में अजित मोहन के वकील ने कहा था कि आज के ‘शोर-शराबे के समय’ में ‘चुप रहने का अधिकार’ एक गुण है और शांति और सौहार्द के मामले की पड़ताल के लिए विधानसभा के पास समिति का गठन करने की कोई विधायी शक्ति नहीं है.

फेसबुक की दलील

फेसबुक के अधिकारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा था कि शांति समिति की स्थापना करना दिल्ली विधानसभा का प्रमुख कार्य नहीं है, क्योंकि कानून व्यवस्था का मुद्दा राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है.

23 सितंबर का आदेश

वहीं, समिति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि विधानसभा के पास समन जारी करने का अधिकार है. पिछले साल दिसंबर के शुरू में अजीत मोहन और अन्य द्वारा दायर याचिका पर हस्तक्षेप के लिए समिति ने शीर्ष अदालत का रुख किया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसका 23 सितंबर का वो आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा, जिसमें समिति से मोहन के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने को कहा गया था.

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