जमीन पर हो रहे ढेर तो आसमान में शरारत, जम्मू में फिर दिखे 4 संदिग्ध ड्रोन, इस साल अब तक मार गिराए 78 आतंकी
जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध ड्रोन्स के दिखने का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच शुक्रवार तड़के एक बार फिर से जम्मू और सांबा में 4 संदिग्ध ड्रोन नजर आए। बीते 19 दिनों में यह 8वां मौका था, जब जम्मू में ड्रोन उड़ते देखे गए हैं। हालांकि सुरक्षा बलों की ओर से कार्रवाई किए जाने से पहले ही ये गायब हो गए। जून के आखिरी सप्ताह में जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन अटैक के बाद से सुरक्षा बल चौकन्ने हैं और कई जगहों पर ड्रोन्स पर फायरिंग कर खदेड़ा है। हालांकि ड्रोन्स का अकसर नजर आना चिंता ती बात है और सुरक्षा बल इसे लेकर मुस्तैदी बढ़ा रहे हैं। पिछले दिनों सेना प्रमुख एम.एम नरवणे ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि बाजार में आसानी से ड्रोन की उपलब्धता चिंता की बात है।
इसके अलावा उन्होंने सीमा पार से इन ड्रोन्स के संचालन की आशंका को भी खारिज नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि इसमें स्टेट एक्टर्स का भी हाथ हो सकता है। सैन्य रणनीति के जानकारों का कहना है कि यह सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों की नई चाल हो सकती है, जो जमीन पर बदले हालातों में सुरक्षा बलों से निपटने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में आसमान से शरारत करने की रणनीति पर आतंकी संगठन काम करते दिख रहे हैं। 25 जून को जम्मू एयरबेस पर जो हमला हुआ था, उसमें ड्रोन से ही विस्फोट गिराए गए थे, जिसमें एयरफोर्स के दो कर्मी मामूली रूप से घायल हुए थे।
इस बीच सुरक्षा बलों ने मुस्तैदी दिखाते हुए शुक्रवार को सुबह ही मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया। इस तरह जमीन पर सुरक्षा बलों की ओर से आतंकियों का लगातार सफाया जारी है। श्रीनगर के डनमार इलाके की आलमदार कॉलोनी में यह मुठभेड़ हुई थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी शामिल हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि ये दोनों ही आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और स्थानीय थे। इसके साथ ही अब तक कश्मीर में सुरक्षा बल इस साल 78 आतंकियों को ढेर कर चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 39 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इसके अलावा हिजबुल मुजाहिदीन, अल-बदर, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े दहशतगर्दों को भी ढेर किया गया है।