स्वर्ण पदक जीतने के बाद, अब रोमी प्रशासनिक अफसर बन करेगी देश की सेवा

गोंडा, पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है, सपने उन्हीं के पूरे होते जिनके सपनों में जान होती है। कुछ ऐसे ही विलक्षण प्रतिभा की धनी कक्षा 11 की छात्रा रोमी ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे उम्र भी कोई मायने नहीं रखती है। महज 16 साल की उम्र में इस प्रतिभावान छात्रा ने प्रयागराज के दिल्ली पब्लिक स्कूल में आयोजित नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश-प्रदेश के साथ-साथ जिले का नाम रोशन किया है।

जनपद के तरबगंज तहसील के गांव कोयली जंगल के मजरा चेतपुर के एक मामूली परिवार में जन्मी रोमी पांच भाई बहनों में सबसे छोटी है। इसके पिता बृजलाल साहू पीडब्लूडी विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। वह बताते हैं कि शुरुआती दौर से ही इस परिवार में सबसे कुशाग्र होने के साथ-साथ खेलकूद के प्रति इसकी काफी रुझान थी।

विद्यालय परिवार का रहा सराहनीय योगदान

प्रारंभिक शिक्षा के लिए गांव से थोड़ी दूर स्थित कामिनी देवी पब्लिक स्कूल से वर्ष 2021 में हाई स्कूल की परीक्षा पास होने के बाद अब कक्षा 11 में प्रवेश लिया है। इसकी कोच शाहीन बताती हैं कि विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होने पर सबसे सक्रिय भूमिका रोमी निभाती थी। इसके लिए वह कड़ी मेहनत भी करती थी। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए उसके साथ वह प्रयागराज गई थी। छात्रा को स्वर्ण पदक मिलने के बाद पूरा विद्यालय परिवार उत्साहित है।

हिमा दास से मिली प्रेरणा

रोमी बताती हैं कि वर्ष 2018 में महज 20 वर्ष की उम्र में हिमा दास को देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार खेल रत्न से नवाजा जाने के बाद मेरे मन में विचार आया की दृढ़ इच्छाशक्ति व संकल्प लेने के बाद दुनिया में कोई काम मुश्किल नहीं है। फिर हमने अभ्यास करना शुरू किया। हमारी सफलता के पीछे हमारे कोच व विद्यालय के प्राचार्य तथा परिवार के लोगों का भरपूर सहयोग मिला। इन्हीं लोगों के उत्साहवर्धन से हमें सफलता मिली। रोमी को स्वर्ण पदक मिलने के बाद अब वह प्रशासनिक अफसर बन देश के लिए कुछ अलग करना चाहती है।

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