भारत-चीन तनाव के बाद पूर्वी लद्दाख में सेना की तैनाती में दिख ये अहम बदलाव
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पिछले साल मई में भारत और चीन (India China Clash) के बीच हुए विवाद के बाद दोनों देश काफी समय बाद कुछ इलाकों से अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाने के लिए राजी हुए थे. हालांकि कुछ इलाकों में इस दौरान भारतीय सेना (Indian Army) की ओर से जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई थी. इसे धीरे-धीरे बढ़ाया भी गया था. इसके साथ ही पूर्वी लद्दाख में कुछ ऐसे भी सैन्य बदलाव हैं, जो अब स्थाई तौर पर देखने को मिल रहे हैं.
लद्दाख का इलाका भारतीय सेना की 14वीं कोर के अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसी कोर की है. पिछले साल जब चीन से तनाव चल रहा था तब इस कोर की दो डिवीजन ही थीं. लेकिन चीन की सेना को देखते हुए इस कोर में एक डिवीजन को बढ़ा दिया गया था. इससे भारत की स्थिति पहले से अधिक सशक्त हुई. अब माना जा रहा है कि यह डिवीजन स्थाई तौर पर वहां तैनात कर दी गई है.
ऐसे में अब सेना की 14वीं कोर में दो डिवीजन के बजाय तीन डिवीजन हो गई हैं. पहले दो डिवीजन में से एक पाकिस्तान फ्रंट को और दूसरी चीनी फ्रंट को देखती थी. अब तीसरी डिवीजन को भी चीनी फ्रंट के लिए लगाया गया है. ऐसे में अब चीन फ्रंट के लिए दो डिवीजन हो गई है. ऐसे में अगस सैनिकों की बात करें तो दोनों डिवीजन को मिलाकर करीब 24 से 30 हजार सैनिक वहां तैनात हैं.वहीं सामान्य तौर पर सेना की एक डिवीजन में 12 से 15 हजार तक जवान होते हैं. सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि लद्दाख के इलाके में अब भी 3 अतिरिक्त सैन्य ब्रिगेड तैनात हैं. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि ठंड से पहले इन ब्रिगेड की वापसी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई बड़े प्वाइंट में दोनों देशों की सेनाओं ने पीछे हटने का फैसला लिया है.