विस चुनाव में करारी हार के बाद एक्शन मोड में मायावती, लोकसभा में पार्टी नेता रितेश पांडेय को हटाया, इन्हें दी बड़ी जिम्मेदारी
करारी हार के बाद एक्शन मोड में मायावती, लोकसभा में पार्टी नेता रितेश पांडेय को हटाकर गिरीश चंद्र जाटव को दी जिम्मेदारी
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीम मायावती एक्शन में आ गईं हैं. अपने पहले एक्शन में मायावती ने लोक सभा में पार्टी का नेता बदल दिया है. आंबेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय की जगह नगीना लोकसभा से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को अब यह जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा मायावती ने मंगलवार को बीएसपी-डीएस फोर के संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की है. मायावती ने इस अवसर पर कहा कि आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के बहुजन मूवमेंट के प्रति ऐतिहासिक संघर्ष और योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. वह हमेशा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के कारवां का संघर्षशील सफर उतार-चढ़ाव के बावजूद लगातार जारी रहेगा.
लोकसभा में बसपा के हैं 10 सांसद
लोकसभा में बसपा के देशभर से कुल 10 सांसद हैं. यूपी के सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, बिजनौर से मलूक नागर, नगीना से गिरीश चंद्र, अमरोहा से कुंवर दानिश अली, अम्बेडकर नगर से रितेश पांडेय, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा, लालगंज से संगीता आजाद, घोसी से अतुल राय, जौनपुर से श्याम सिंह यादव और गाजीपुर से अफजाल अंसारी लोकसभा सांसद है.
बसपा ने 3 दशक बाद किया सबसे खराब प्रदर्शन
कांग्रेस को मिली सीटों का आंकड़ा पिछली बार के 7 से गिरकर 2 हो गया, जबकि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने 3 दशक पहले अपनी स्थापना के बाद से अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन देखा, जिसमें उसके केवल एक प्रत्याशी व विधानसभा में दल के नेता रहे उमाशंकर सिंह ने 2022 में जीत हासिल की है.
बसपा ने सबसे अधिक 87 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, उसके बाद कांग्रेस ने 75 व सपा ने 64 उम्मीदवार उतारे थे. मौजूदा चुनाव में यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में कुल 34 मुस्लिम विधायक जीते हैं जो पिछली बार की संख्या से 9 ज्यादा है. इनमें से 31 अखिलेश यादव की सपा के हैं. बाकी तीन में दो सहयोगी रालोद और एक विधायक ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के हैं.