पीयूष के बाद DGGI ने प्रवीण-शिखर पर कसा शिकंजा
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से बरामद 23 किलो सोने की पड़ताल कई एंगल से की जा रही है। विंग का मानना है कि सोने की मुहर से संदेह है कि इसे नोटबंदी के दौरान खरीदा गया था।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां मिले 23 किलो सोने में बाहर की मार्किंग है। 100 ग्राम के दस सोने के बिस्किट हैं। शेष एक किलो के हैं। इनकी मौजूदा कीमत 11 करोड़ से अधिक की है। ये कंपनी यूएई के अबूधाबी की है, जिसके आफिस शारजाह और दूबई में हैं। एक सोने की सिल्ली में 2016 लिखा है। माना जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान की खरीद का यह सोना हो सकता है। इतने बड़े पैमाने पर विदेशी सोना मिलने पर जांच का दायरा बढ़ गया है।
पड़ताल की जा रही है कि पीयूष के पिता महेश चंद जैन विदेश में रहे हैं। इसी हफ्ते डीआरआई और आयकर विभाग अपनी जांच शुरू कर देगा। मामला हैंडओवर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक पीयूष के पिता ने विदेशी नागरिकता ले रखी है। वह 18 साल से विदेश में रह रहे थे।
हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक पीयूष जैन को गिरफ्तार करने के बाद डीजीजीआई विंग के अफसरों ने एक बार फिर गणपति रोड कैरियर और शिखर पान मसाले पर पुन: शिकंजा कस दिया है। मंगलवार को डीजीजीआई की टीम ने गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण जैन से दोबारा पूछताछ की।
साथ ही शिखर के सिविल लाइंस स्थित एक परिसर की भी जांच की। मंगलवार को डीजीजीआई के पांच अधिकारी गणपति रोड कैरियर्स के मालिक प्रवीण जैन के आनंदपुरी स्थित फ्लैट पर पहुंचे। उन्होंने आनंदपुरी में ही प्रवीण जैन के एक और फ्लैट को भी जांच के दायरे में ले लिया। इस फ्लैट की जानकारी विंग को बाद में हुई। अधिकारियों ने प्रवीण जैन से एक बार फिर शिखर पान मसाले और पीयूष जैन को लेकर पूछताछ की। पूछताछ के आधार पर शिखर के एक परिसर पर जांच करने दूसरी टीम गई। सूत्रों के मुताबिक पीयूष जैन के बयानों के बाद विंग ने एक बार फिर दोनों कारोबारियों की फाइल खोल दी है। मालूम हो कि प्रवीण जैन ने छापे के दौरान ही टैक्स व पेनाल्टी के रूप में 3.10 करोड़ रुपए जमा किए थे। लेकिन नई जानकारियां मिलने के बाद जांच फिर तेज कर दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक शिखर के अघोषित स्टाक, सप्लाई को लेकर जांच में तेजी लाई गई है। विंग सूत्रों के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट नगर में बिना बिल बुक बाउचर के भारी मात्रा में पान मसाला और अन्य तंबाकू ब्रांड्स की भारी मात्रा में सप्लाई की जा रही है। इसी कड़ी में छापे मारा जा रहे हैं। जल्द कुछ और कारोबारियों पर कार्यवाही हो सकती है।