Chhath के बाद ट्रेनों में सीटों की मारामारी, दलालों का सॉफ्टवेयर का खेल

Chhath पूजा के बाद ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसके कारण सीटों के लिए मारामारी बढ़ गई है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट अक्सर तकनीकी कारणों से अनरीचेबल हो जाती है

Chhath आईआरसीटीसी साइट अनरीचेबल, टिकट के लिए दलालों का बाजार

Chhath पूजा के बाद ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसके कारण सीटों के लिए मारामारी बढ़ गई है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट अक्सर तकनीकी कारणों से अनरीचेबल हो जाती है, जिससे यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, दलाल इन परेशानियों का फायदा उठाते हुए यात्रियों से अधिक पैसे लेकर टिकट बुक कर रहे हैं। वे तेज सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर तेजी से टिकट बुक कर रहे हैं, जिससे आम लोगों को अपेक्षाकृत अधिक मूल्य चुकाने पड़ रहे हैं।

पिछले साल की घटनाएं और अब की स्थिति

पिछले साल Chhath के समय, सोनपुर और अन्य प्रमुख रेलमंडलों से 500 से अधिक दलालों को गिरफ्तार किया गया था। ये दलाल अवैध रूप से यात्रा टिकटों की कालाबाजारी कर रहे थे, और उनसे बचने के लिए रेलवे प्रशासन ने कड़े कदम उठाए थे। हालांकि, इस साल भी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है, और टिकटों के लिए दलाल सक्रिय हैं।

दलालों द्वारा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

इन दलालों का मुख्य हथियार उनके पास मौजूद तेज सॉफ्टवेयर होते हैं, जो आईआरसीटीसी की साइट को बाईपास करके टिकट को जल्दी और आसानी से बुक कर सकते हैं। इससे न केवल आम यात्रियों को भारी परेशानी होती है, बल्कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता और निष्पक्षता को चुनौती भी देती है। टिकट खरीदने वाले यात्री अक्सर यह महसूस करते हैं कि वे सस्ते में टिकट नहीं पा रहे हैं और उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।

आईआरसीटीसी की बढ़ती चुनौती

रेलवे प्रशासन और आईआरसीटीसी ने कई बार इन समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है, लेकिन दलालों के नेटवर्क और उनकी तकनीकी मदद से यह समस्या खत्म नहीं हो पाई है। प्रशासन ने ट्रेनों में और विशेष रूप से Chhath जैसे त्योहारी मौसम में सीटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की घोषणा की है, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद टिकटों की कालाबाजारी थम नहीं रही।

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Chhath के बाद ट्रेनों में सीटों की भारी मारामारी और दलालों द्वारा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल यात्रियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। रेलवे और आईआरसीटीसी को इस समस्या पर कड़ी नजर रखनी होगी और इसके खिलाफ प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि आम आदमी को उचित और सस्ता टिकट मिल सके।

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