बसपा से निष्कासित होने के बाद नकुल दुबे ने मायावती पर बोला हमला, कहा- अच्छा हुआ मुझे कर दिया मुक्त
बसपा से निष्कासित होने के बाद नकुल दुबे ने मायावती पर कसा तंज, कही ये बात
लखनऊ: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती काफी एक्टिव हैं. बसपा से निष्कासन के बाद रविवार को पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मायवती पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मेरे और मेरे संपूर्ण समाज के साथ न्याय हुआ है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री दुबे ने कहा कि मैं उनके मायावती के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे मुक्त कर दिया कि तुम सर्व समाज के साथ मिलकर जो एक अजीबोगरीब वातावरण उत्पन्न हो गया है और लगातार चल रहा है, उसको रोकने के लिए नई मुहिम चलाओ.
वहीं, दुबे से जब पूछा गया कि आपके निष्कासन की वजह क्या है और क्या वह हालिया चुनावी हार के बाद हुई समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे, तो उन्होंने कहा कि मैं समीक्षा बैठक में नहीं गया था. मैं मायावती से मिला नहीं था और न ही मेरी उनसे कोई बातचीत हुई है. आरोप है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में गलत फीडबैक देने के चलते दुबे को बसपा से बाहर किया गया है.
मेरे व मेरे समाज के साथ हुआ न्याय
कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा, ‘मुझे न्याय दिया गया है और इसे अन्याय न कहें, यह मेरे साथ ही नहीं संपूर्ण समाज के साथ न्याय हुआ है.’ जानकारी के मुताबिक शनिवार को पूर्व मंत्री दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया. बसपा प्रमुख मायावती ने देर शाम ट्वीट कर कहा कि पूर्व मंत्री नकुल दुबे को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निष्कासित किया जाता है.
बसपा में ब्राह्मण नेता के रूप में स्थापित रहे नकुल दुबे 2007 में मायावती के नेतृत्व की बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. यही नहीं, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में नकुल दुबे को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके अलावा बसपा सरकार व पार्टी में उनकी गिनती बड़े ब्राह्मण चेहरे में होती थी. जबकि नकुल दुबे को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का करीबी माना जाता है. वैसे यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे ने अभी अपने पत्ते सही तरीके से नहीं खोले हैं.