2 साल बाद पाकिस्तानी युवक की हुई वतन वापसी तो आंखों में आए आंसू, कही ये बात
बाड़मेर. बरसों तक अगर कोई अपने वतन से दूर रहता है और फिर उसे वापस घर जाने का मौका मिले तो वह बहुत खुश होता है. लेकिन एक पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani national) पर यह बात लागू नहीं होती है. 2 साल तक जिस पाकिस्तानी नाबालिग को अपने मुल्क की बजाय हिंदुस्तान (India) की सरजमीं पर इतना प्यार मिला कि जब उसकी वतन वापसी का दिन आया तो उसका गला भर गया. नाबालिग गलती से सरहद पार कर भारत आ गया था, लेकिन यह उसे भा गया. अब वह अपने मुल्क के लिए रवाना जरूर हुआ, लेकिन भारी मन से. इस पाकिस्तानी युवक को भारत बेहद पसंद आया. उसे 28 अगस्त को पाक रेंजर्स को सौंपा जाएगा.
यह दास्तां है कि पाकिस्तान के अमरकोट के रहने वाले भागचंद कोली की. वह करीब 2 साल पहले भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद को पार कर भारत की सीमा में घुस आया था. बॉर्डर पार करते ही बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया था. फिर एजेंसियों की पूछताछ के बाद उसे बाड़मेर के किशोर संप्रेषण गृह में भेज दिया गया. तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के पूरे होने के दौरान वह 2 साल तक वहीं रहा.
अब जब दो साल बाद उसकी वतन वापसी हो रही है तो वह वहां जाना नहीं चाहता. घर जाने से पहले वह रोकर बोला कि उसे यहीं रहने दिया जाए. यहां सब कुछ ठीक है. अपने वतन की वापसी से पहले उसकी आंखों में आंसू थे और गला भर्राया हुआ था. भागचंद को दुख है कि उसे वापस पाकिस्तान जाना पड़ रहा है. भागचंद को बुधवार को उसके वतन पाकिस्तान के लिए रवाना कर दिया गया. इस दौरान वह खुद के आंसू रोक नहीं पाया. उसने कहा कि बाड़मेर का गेमराराम भी पाकिस्तान में 10 माह से बंद है. उसके लिए वह दुआ करेगा कि उसकी भी वतन वापसी हो जाए.
28 अगस्त को पाकिस्तान को सौंपा जाएगा
भागचंद को बुधवार को पाकिस्तान के अमरकोट के लिए बाड़मेर पुलिस के पूरे एस्कॉर्ट के साथ रवाना किया गया. बाड़मेर पुलिस भागचंद को लेकर रवाना हो गई है. उसे 28 अगस्त को अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ को सुपुर्द किया जाएगा. बीएसएफ के जवान 28 अगस्त को 12 बजे से पहले भागचंद को पाक रेंजर्स को सुपुर्द कर देंगे. बाड़मेर किशोर गृह के अतिरिक्त निदेशक अश्विन शर्मा बताते हैं कि हम 2 साल से इसका ख्याल रख रहे थे. इस किशोर से हमारा अपनेपन का नाता जुड़ चुका था. शायद यही वजह है कि उसकी विदाई हमें भी भावुक कर गई.