अफ़ग़ानिस्तान पर भारत के कई राजदूत खुलकर बोले , बदल गया है तालिबान
दिल्ली में एक कार्यक्रम में भारत के पूर्व राजनयिक विवेक काटजू और गौतम मुखोपाध्यय , पूर्व आईएएस और अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मिशन का हिस्सा रहे शक्ति सिन्हा और वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वेदिक ने अपने वर्तमान स्थिति पर विचार रखे ।
गौतम मुखोपाध्यय – तालिबान पाकिस्तान की दें है हमें नही भूलना चाहिए । अफ़ग़ान सरकार की बहुत कमियाँ रही जिससे लोग आतंक से परेशान हो गए । जो पाकिस्तान चाहता था । हमें अफ़ग़ानिस्तान को ज़िंदा रखने के लिए लगातार कोशिश करनी होगी । पशतून तालिबान का बने रहना ज़रूरी है जो संस्कृति को बनाए हुए है ।
वेद प्रताप वेदिक – बतौर पत्रकार पिछले 55साल से अफगानिस्तान में काम किया है । वेद प्रताप जी ने
कहा की पिछले कई दिनो से कई लोगों से बात हुई । तालिबानियों से मेरे सम्पर्क उनके मुजाहिदीन बनने से पहले से हैं पहले वो पढ़तों बोलते थे अब बदलाव आ गया है । पिछले बीस साल में बहुत बदलाव हुआ ।
हमें उनसे बात करनी चाहिए दो साल से कोई बात नही हुई । हमें सीधे बात करनी चाहिए लेकिन इस वक़्त चीन अमेरिका और पाकिस्तान से अच्छी बात हो रही है ।
विवेक काटजू -जिन लोगों ने लम्बा वक़्त अफगनिस्तान में काम किया उनसे सरकार सलाह ले सकती हैं । हमें सीधे उनसे बात करनी चाहिए । अफगनिस्तान की पशतून लीडरशिप को कोशिश करनी चाहिए की तालिबान की विचारधारा को समझाए ।
शक्ति सिन्हा – तालिबान अब बदल गया है लेकिन इतना नही की महिलाओं को आज़ादी दे । तालिबान की नई पीढ़ी आ गयी है लेकिन उससे ये नही समझा जा सकता की वो लिबरल डिमॉक्रेसी की तरफ़ जाएँगे