वोडाफोन आइडिया को बचाने के लिए अपनी जेब से पैसा लगाएंगे कुमार मंगलम बिड़ला: सूत्र
बिजनेस डेस्कः वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व को बचाने के लिए उसमें पूंजी डालने की सख्त जरूरत है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला कंपनी को संकट से उबारने के लिए इसमें अपनी जेब से पैसा लगाने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही ब्रिटेन का वोडाफोन ग्रुप टावर फर्म में अपना कुछ हिस्सा बेचकर वोडाफोन आइडिया में निवेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक दोनों प्रमोटरों के कंपनी में कुछ पैसा लगाने के बाद ही बाहरी फंडिंग आ सकती है।
वोडाफोन ग्रुप से करीबी एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वोडाफोन आइडिया में अधिकांश फंडिंग बाहरी स्रोतों से आएगी। कुमार मंगलम बिड़ला इसमें कुछ पैसा लगा सकता हैं। हालांकि यह बहुत ज्यादा राशि नहीं होगी। वोडाफोन ग्रुप के इसमें निवेश की संभावना नहीं है। उसकी इंडस में अपने एसेट्स बेचने की योजना है। निवेशक चाहते हैं कि दोनों प्रमोटर्स कंपनी में पैसा लगाएं। इसके बाद ही बाहर से पूंजी जुटाई जा सकेगी।
कितना हो सकता है निवेश
मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट्स आई हैं कि प्रमोटर कंपनी में 10,000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकते हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह राशि इससे बहुत कम होगी। इस बारे में आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन इंडिया ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया। वोडाफोन ग्रुप ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। अभी कंपनी में वोडाफोन ग्रुप इंक की 44.39 फीसदी और आदित्य बिड़ला ग्रुप की 27.66 फीसदी हिस्सेदारी है। वोडाफोन ग्रुप की इंडस टावर्स में 28.12 फीसदी हिस्सेदारी है।
पिछले एक साल से कंपनी निवेशकों को लाने की कोशिश में है लेकिन कंपनी की 25,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाने की योजना अभी तक परवान नहीं चढ़ी है लेकिन टेलिकॉम सेक्टर के लिए सरकार के रिलीफ पैकेज से स्थिति बदल गई है। इससे कंपनी पर कैश फ्लो को बोझ फिलहाल कम हो गया है और यह निवेशकों के लिए आकर्षक बन गई है। इस पैकेज की घोषणा से पहले आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन ग्रुप ने कंपनी में ताजा निवेश से इनकार कर दिया था।