एडीबी ने वित्त वर्ष 2015 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 7% पर बरकरार रखा है

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वह था एक छोटा-सा गाँव, जहाँ के लोग साल भर मेहनत करते और अपनी ज़िन्दगी गुजारते थे। गाँव का नाम था रामपुरा। यहाँ की धरती उत्तेजना से भरी हुई थी, क्योंकि इस बार मानसून की बारिश ने सबको नई आशा और उम्मीद दी थी।

इस गाँव में एक युवक नाम था रामू। वह अपने परिवार के साथ एक छोटे से खेत में काम करता था। रामू के पापा ने हमेशा उन्हें सिखाया कि किसान की मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इस बारिश ने उनकी खेती को भी नई ऊर्जा और जीवनदायिनी शक्ति दी थी।

गाँव में सब लोग खुश थे। बच्चे बारिश में खेलते, और बड़े लोग मिलकर खेती में लगे रहते। रामू भी अपने दोस्तों के साथ खेत में जाता, और मिलकर काम करने में मज़ा लेता।

वहाँ की महिलाएँ भी खेत में जाकर काम करतीं, और अपने परिवार के साथ मिलकर सबको खुशी की देने में लगी रहतीं। उनकी मेहनत ने गाँव को और भी हरियाली और खुशियों से भर दिया।

बड़ी-बड़ी नानीयाँ और दादाजी भी अपने अनुभव से गाँव के लोगों को संबोधित करते, और उन्हें याद दिलाते कि मेहनत और उम्मीद से ही हर समस्या का समाधान हो सकता है।

रामपुरा गाँव का वातावरण खुशहाली और समृद्धि से भरा था। सबकी आँखों में तरक्की की नई आशा थी, और सबका मन मानसून के साथ बढ़ी वृद्धि और समृद्धि की ओर लगा हुआ था।

वित्त वर्ष 2015 के लिए ब्लूमबर्ग 7%, यह कहते हुए

नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को कहा कि सामान्य से अधिक मानसून अनुमान को देखते हुए कृषि क्षेत्र में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में उछाल की उम्मीद है। यह पूर्वानुमान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा अप्रैल में 6.8% की तुलना में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि अनुमान को संशोधित कर 7% करने के एक दिन बाद आया है।

वित्त वर्ष 2015 के लिए ब्लूमबर्ग ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान 7% रखा था। इस अनुमान के अनुसार, ब्लूमबर्ग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि की उम्मीद जताई थी। वह बताते थे कि मानसून अनुमान के संदर्भ में भारतीय कृषि क्षेत्र में उत्तेजना देने की संभावना है और इसके फलस्वरूप अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव देखने की उम्मीद की जा रही थी।

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