Adani को मिला तमिलनाडु सरकार से बड़ा झटका

Adani 2018 में, चेन्नई के टी नगर क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत 1.1 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए थे।

Adani 2018 में, चेन्नई के टी नगर क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत 1.1 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। यह पहल तमिलनाडु को स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। हालांकि, पूरे राज्य में इस योजना को लागू करने की तैयारी के बीच, स्मार्ट मीटर की लागत को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।


स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट का उद्देश्य

स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य पारंपरिक मीटरिंग प्रणाली को आधुनिक तकनीक से बदलना था। इस प्रणाली से उपभोक्ताओं और वितरण कंपनियों को कई लाभ मिलने की उम्मीद थी:

  1. सटीक बिलिंग: बिजली खपत का सटीक मापन।
  2. रियल-टाइम डेटा: उपभोक्ता अपने ऊर्जा उपयोग को रियल-टाइम में मॉनिटर कर सकते हैं।
  3. ऊर्जा प्रबंधन: अनावश्यक ऊर्जा खपत को नियंत्रित करना।
  4. कनेक्शन का स्वचालन: मीटर रीडिंग, कनेक्शन और डिसकनेक्शन को डिजिटल करना।

Adani एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड को झटका

इस प्रोजेक्ट के रद्द होने का सबसे बड़ा झटका Adani एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) को लगा। AESL इस टेंडर में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी थी। विवादों के चलते, कंपनी की भूमिका और उसकी बोली प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।


चेन्नई के टी नगर का पायलट प्रोजेक्ट

2018 में, चेन्नई के टी नगर में 1.1 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।

  • सफलता: यह प्रोजेक्ट स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम था।
  • पूरे राज्य में विस्तार की योजना: पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी थी।

विवाद के प्रभाव

1. योजना में देरी

टेंडर रद्द होने से परियोजना में अनिश्चितता और देरी होगी।

2. राजनीतिक विवाद

स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट पर राजनीतिक दबाव और केंद्र-राज्य के बीच तनाव के आरोप लगाए जा रहे हैं।

3. वित्तीय प्रभाव

प्रोजेक्ट के रुकने से राज्य की ऊर्जा व्यवस्था को उन्नत बनाने में देरी होगी।


भविष्य की योजनाएं

तमिलनाडु सरकार ने नए सिरे से टेंडर जारी करने की योजना बनाई है।

  • किफायती समाधान: राज्य सरकार का ध्यान लागत प्रभावशीलता पर होगा।
  • पारदर्शी प्रक्रिया: प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विवादमुक्त बनाने की कोशिश होगी।
  • तेजी से क्रियान्वयन: प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए नए उपाय अपनाए जाएंगे।

तमिलनाडु में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट, राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, टेंडर रद्द होने से योजना पर अस्थायी विराम लग गया है। राज्य सरकार को अब इस योजना को विवादमुक्त और प्रभावी तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।

Adani group

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स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट आधुनिक ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, इस योजना की उच्च लागत और संभावित वित्तीय प्रभाव पर विचार करना जरूरी है। विवादों को सुलझाकर, राज्य में ऊर्जा प्रणाली को डिजिटल और कुशल बनाना संभव है।

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