Jharkhand :जल जीवन मिशन Scam में 20 स्थानों पर कार्रवाई “ED की छापेमारी”
जल जीवन मिशन के अंतर्गत एक बहु-करोड़ के Scam की जांच के सिलसिले में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 20 स्थानों पर समवर्ती छापेमारी शुरू की है।
जल जीवन मिशन Scam ;छापेमारी का विस्तार
झारखंड में जल जीवन मिशन Scam , जल जीवन मिशन के अंतर्गत एक बहु-करोड़ के Scam की जांच के सिलसिले में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 20 स्थानों पर समवर्ती छापेमारी शुरू की है। इस छापेमारी में IAS अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर और उनके सहयोगियों के ठिकाने शामिल हैं।
जल जीवन मिशन Scam ;प्रमुख व्यक्तियों पर कार्रवाई
ED की छापेमारी में मंत्री मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, उनके व्यक्तिगत सचिव हरेंद्र सिंह और कई विभागीय इंजीनियरों के ठिकाने पर भी कार्रवाई की जा रही है। ये छापेमारी रांची के इंद्रपुरी, रतु रोड, हरमु और मोरहाबाड़ी के अलावा चाईबासा और गरहवा में भी हो रही है।
मंत्री की स्थिति ;जल जीवन मिशन में 20 स्थानों पर कार्रवाई
मिथलेश ठाकुर, जो पहले ठेकेदार थे, वर्तमान सरकार में महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं। वहीं, मनीष रंजन, जो पहले भी ग्रामीण विकास मिशन Scam में ED के रडार पर थे, लंबे समय तक पेयजल और स्वच्छता विभाग में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
जांच का उद्देश्य
ED के सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी जल जीवन मिशन में अनियमितताओं की जांच का हिस्सा हैं। इस Scam को लेकर पहले से ही एक जनहित याचिका (PIL) दायर की जा चुकी है, जिसमें 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के Scam का आरोप लगाया गया है।
सुरक्षा इंतजाम
छापेमारी के स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त किया गया है, ताकि किसी भी तरह की समस्या से निपटा जा सके।
राजनीतिक संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने लोकसभा चुनावों के दौरान इस Scam का जिक्र किया था, यह बताते हुए कि यह एक केंद्रीय योजना से संबंधित है जिसका उद्देश्य हर घर में पाइप से पेयजल पहुंचाना है।
अन्य मामलों का प्रभाव
इस बीच, मंत्री आलमगीर आलम पहले से ही एक पैसे के laundering मामले में जेल में हैं, जो बहु-करोड़ के टेंडर Scam से जुड़ा है। ED ने उन्हें 15 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आलमगीर आलम, जो पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, 70 साल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं।
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इस प्रकार, मिशन Scam की जांच और इसके राजनीतिक परिणाम झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं।