उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच हुए समझौते को अभूतपूर्व करार दिया-अनुराग शर्मा
उत्तर प्रदेश के झांसी-ललितपुर क्षेत्र से सांसद अनुराग शर्मा ने सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के जलसंकट के समाधान की दिशा में केन-बेतवा लिंक परियोजना पर सोमवार को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच हुए समझौते को अभूतपूर्व करार दिया और कहा कि परियोजना से क्षेत्र में पानी की समस्या का स्थायी समाधान होगा। शर्मा ने इस महत्वाकांशी परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल निर्देशन ,केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के गंभीर प्रयासों , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों द्वारा ही इस गंभीर मुद्दे के समाधान को लेकर दिखायी गयी समझ के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी के सम्मिलित प्रयास और ईमानदार पहल से यह योजना आज मूर्तरूप ले पायी है। यह बुंदेलखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है जो अटल जी का सपना था। परियोजना बहुत बड़ी है जिसे पूरा होने में अभी चार पांच साल लेगेंगे लेकिन जब यह एक बार बनकर तैयार हो जायेगी तो इससे बुंदेलखंड की पानी की समस्या का आजीवन समाधान हो जायेगा।
झांसी सदर विधायक रवि शर्मा ने कहा कि इस परियोजना की परिकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के समय 2008 में की गयी थी । केन -बेतवा लिंक न केवल बुंदेलखंड के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि यदि यह सफल हो गयी तो पूरे देश में जिन जीवनदायिनी नदियों का मीठा जल यूं ही बहकर समुद्र में चला जाता है उनसभी के अतिरिक्त पानी को सूखाग्रस्त क्षेत्रों की ओर वहां बहने वाली नदियों की ओर मोड़कर जल का सदुपयोग कर पायेंगे। इस परियोजना के सहमतिपत्र पर प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर कर बुंदेलखंड की भाग्यरेखा बदलने का काम किया है।
परियोजना का कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी स्वागत किया है लेकिन सभी दलों के बीच परियोजना को उनकी सरकार के समय लायी गयी परियोजना या उनकी परियोजना बताने की होड़ भी साफ दिखायी दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन आदित्य ने बुंदेलखंड के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण योजना है और हमारी पार्टी तो चाहती ही थी कि यह धरातल पर उतरे क्योंकि केन -बेतवा लिंक कांग्रेस की योजना है । इस योजना के डीपीआर के लिए पैसा सबसे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के शासनकाल में दिये गये थे। वर्ष 2012-13 में 25 करोड़ की धनराशि बुंदेलखंड पैकेज के तहत हमारी सरकार के समय जारी की गयी थी। उस समय भी परियोजना के आगे नहीं बढ़ पाने के लिए उन्होंने मध्यप्रदेश की सरकार को जिम्मेदार बताया और कहा कि इस परियोजना में हमेशा अड़ंगा मध्यप्रदेश की सरकार ने लगाया। उन्हेांने कहा कि ललितपुर के राजघाट बांध में पानी को लेकर भी वर्तमान शिवराज सरकार ने बेईमानी की जितना पानी उत्तर प्रदेश को मिलना चाहिए उतना वह नहीं दे रहे उनकी मंशा ठीक नहीं है।
कांग्रेस पार्टी दुआ करेगी कि केन-बेतवा परियोजना के साथ ऐसा न हो और यह समय से धरातल पर उतरे, सरकार ने इस काम में काफी देर कर दी है। ऐसी बड़ी परियोजनाओं को बनने में काफी समय लगता है और बुंदेलखंड में पानी की स्थिति बहुत खराब है , भूमिगत जल भी काफी नीचे चला गया है, अब इतनी देर में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना लाये हैं जिसे बनने में काफी समय लगेगा ,जब तक बनेगी तब तक स्थिति और खराब हो जायेगी। यह विलंब बहुत नुकसानदायक है लेकिन फिर भी यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस की लंबित परियोजना को ठीक कर यह लाये तो देर आये पर दुरूस्त आये। सुबह का भूला अगर शाम को घर वापस आ जाए तो उसे भूला नही कहते।
समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया लेकिन साथ ही चिंता जताते हुए कहा कि करीब 10 से 12 साल पहले मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली उनकी पार्टी सरकार और मध्य प्रदेश के बीच भी एक ऐसा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे लेकिन बाद में वह मूर्त रूप नहीं ले पायी। उन्होंने कहा कि जहां तक परियोजना की बात है तो यह बुंदेलखंड के भाग्य को बदलने वाली एक बड़ी परियोजना बनेगी। अगर इसका सही ढ़ंग से क्रियान्वयन हो यह परियोजना धरातल पर उतरे। कोई भी जो, लोगों की इस बड़ी समस्या के समाधान के लिए काम करेगा तो उसे बधाई है। हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन बुंदेलखंड की जनता के लाभ की इस बड़ी परियोजना का हम स्वागत करते हैं। अगर यह धरातल पर उतरे तो स्वागतयोग्य है।