एसीबी जोधपुर टीम की कार्रवाई : श्रीगंगानगर जवाहर थाने का कांस्टेबल दस लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार
जयपुर/जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जोधपुर टीम ने श्रीगंगानगर जिले के जवाहर थाने में लगे एक कांस्टेबल को दस लाख रूपयों की रिश्वत लिए जाने के आरोप में पकड़ा है। प्रकरण में थानाधिकारी फरार हो गया जिसकी तलाश चल रही है। कांस्टेबल ने रिश्वत की राशि एनडीपीएस के आरोपी को उसके खिलाफ दर्ज मामले में मदद करने की एवज में ली थी। ब्यूरो ने सोमवार देर रात जयपुर स्थित एक होटल में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने रिश्वत की राशि जब्त कर ली है। कांस्टेबल से पूछताछ की जा रही है।
ब्यूरो के डीआईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल नरेश चन्द मीणा श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने में पदस्थापित है। भ्रष्टाचार के इस मामले में श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग की भूमिका भी बताई जा रही है। ब्यूरो की कार्रवाई की भनक लगने के बाद थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग फरार हो गया। ब्यूरो ने उसे भी इस मामले नामजद कर लिया है।
यह हे मामला:
ब्यूरो के डीआईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि पिछले दिनों 14 अक्टूबर को ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। इस पर सोमवार रात को ब्यूरो ने अपना जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। परिवादी उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला हरदीप सिंह पुत्र उत्तम सिंह है। उसके खिलाफ श्रीगंगानगर के सदर थाने में एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज है। इसकी जांच जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग कर रहा हैं।
पहले ही ले चुका 15 लाख रूपए:
कांस्टेबल नरेश चन्द मीणा इस मामले में 15 लाख रुपये पहले ले चुका है। इनमें से पहली बार 15 लाख रुपये लिये। इन रुपयों में से उसने 2.5 लाख रुपये खुद के, 2.5 लाख रुपये एएसआई के और 10 लाख रुपये थानाधिकारी को देने की बात कही थी। उसके बाद उसने फिर से 25 लाख रुपए मांगे। आखिरकार का यह सौदा फिर 15 लाख में तय हुआ। इस दौरान उसे 1 लाख रुपये और ले लिये। इस बीच आरोपी कांस्टेबल पैसे लेने के लिये परिवादी से ही टिकट करवाकर दिल्ली भी गया था। लेकिन परिवादी अस्पताल में भर्ती होने के कारण रुपए नहीं दे पाया । इस पर कांस्टेबल ने उसे रुपये देने के लिये जयपुर बुलाया था। यहां जब कांस्टेबल होटल में रुपये ले रहा था तो ब्यूरो ने उसे दबोच लिया।
थानाधिकारी को किया नामजद:
डीआईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि इसमें जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार को नामजद किया गया है। थाने से हुई वाटसअप चेट व कॉलिंग को आधार मान कर पता लगाया जा रहा है। भूमिका की पूरी जांच की जा रही है। फिलहाल वह फरार है।
91 सीआरपीसी का नोटिस जारी किया गया:
परिवादी के अनुसार उसकी दुकान कानपुर में है और वह श्रीगुरू तेग बहादूर फार्मा नाम से आई है। दवाईयों को जवाहर थाने की तरफ से 91 सीआरपीसी का नोटिस जारी किया गया। इसके बाद पहली बार 18 सितंबर को आरोपी कांस्टेबल नरेश चंद मीणा मिला था। 15 लाख रूपयों के लिए उसने ढाई लाख खुद के, ढाई लाख एएसआई सोहनलाल और दस लाख रूपए सीआई को देने की बात कही थी।