फरार है आज़म खान और आबदुलाह आज़म ?
ताज़ीन फातिमा ने यूनिवर्सिटी पर चल रही पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि हम तीनों जेल में रहे हैं, ऐसे में यूनिवर्सिटी में क्या हो रहा है इस चीज की हम लोगों
सपा नेता आजम खान (Azam Khan) और बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) द्वारा सुरक्षा वापस करने की खबर का पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. ताज़ीन फातिमा (Tazeen Fatma) ने खंडन किया है. आजम खान की पत्नी फातिमा ने कहा कि ना तो वे फरार हैं और ना ही उन्होंने अपनी सुरक्षा वापस की है, ऐसी मानसिकता के लोग गलत अफवाह उड़ा रहे हैं. ताज़ीन फातिमा ने यूनिवर्सिटी पर चल रही पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि हम तीनों जेल में रहे हैं, ऐसे में यूनिवर्सिटी में क्या हो रहा है इस चीज की हम लोगों को जानकारी नहीं है.
इसी बीच रामपुर के sp अशोक कुमार शुक्ल का भी बयान सामने आया है उन्होंने कहा की ,”ऐसी कोई खबर नहीं है कि वे फरार हुए हैं। यह अफवाह है, साथ ही उन पर कोई लुक आउट नोटिस जारी नहीं किया गया है”
सुरक्षाकर्मियों को बताया गैर-जिम्मेदार
फातिमा ने कहा, ‘यह बिल्कुल गलत अफवाह है. य़ह सिक्योरिटी की गैर-जिम्मेदारी है. जब उन्हें पता था कि सर गंगा राम अस्पताल में सुरक्षा थी. फिर उनको यूपी भवन में रुकवा दिया गया था. अस्पताल में ज्यादा लोगों के रुकने की इजाजत नहीं थी तो वहां से आने से पहले उन्हें सर गंगा राम अस्पताल में मालूम करना चाहिए था कि आजम साहब कहां हैं.’ रामपुर पुलिस द्वारा आजम खान के पास सुरक्षाकर्मियों को भेजने की बात पर ताज़ीन फातिमा ने बताया, ‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम है मैं अभी गंगाराम नहीं गई हूं मैं यही हूं.’ वहीं यूनिवर्सिटी की जांच मामले में उन्होंने कहा, ‘आजम साहब तीन साल जेल में रहे हैं मैं भी तकरीबन 10-12 महीने जेल में रही हूं. अब्दुल्ला भी तकरीबन दो-ढाई वर्ष जेल में रहे हैं तो ऐसी स्थिति में जाहिर है कि यूनिवर्सिटी में क्या हो रहा है इस चीज की हमें जानकारी नहीं है. सर्च वारंट क्यों ले रहे हैं, पुलिस तो एक हफ्ते से है ही यूनिवर्सिटी के अंदर है, सर्च वारंट की उन्हें क्या जरूरत है.
आजम खान की सेहत पर फातिमा ने कहा, ‘उनका स्वास्थ्य अभी ठीक नहीं है. उनके हाथ में बहुत तकलीफ है. अभी भी बहुत बेचैनी महसूस कर रहे हैं, उन्हें हार्ट की समस्या है ये बात हमें पता नहीं थी लेकिन जब हमने उन्हें दिखाया तो हमारे पुराने डॉक्टर ने एंजियोग्राफी करवाने के लिए कहा. उनकी एंजियोग्राफी हुई और उस एंजियोग्राफी से यह पता चला कि उनके हार्ट की एक आर्टरी में 90% ब्लॉकेज हैं. वह काफी समय जेल में रहे, जाहिर है जेल में इलाज की सुविधा नहीं मिली जिसकी उन्हें जरूरत थी. उन्हें गंभीर रूप से कोरोना भी हुआ था. बस अल्लाह की मेहरबानी है कि वह जिंदा बच गए.’