आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने यूपी सरकार की नीयत पर उठाया सवाल और कही ये बड़ी बात
आप के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नदियों की अविरलता को लेकर यूपी सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। रविवार को मथुरा के देवराहा बाबा घाट के लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान पर सोमवार को पलटवार करते हुए संजय सिंह ने कहा कि नमामि गंगे में हुआ भ्रष्टाचार छिपाने के लिए योगी सरकार अब यमुना की आड़ ले रही है।
संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में यमुना की अविरलता लौटाने की दिशा में गंभीरता से काम हो रहा है। सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य में भी यमुना प्रदूषित होने से बचे, इसके लिए केजरीवाल सरकार की ओर से लगातार उपाय किए जा रहे हैं। मामले में दिल्ली जल बोर्ड ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा में प्रदूषित हो रही है यमुना को बचाने की मांग भी की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए संकल्पित हैं और यह उनकी उच्च प्राथमिकता में शामिल है। वहां यमुना के कल्याण के प्रयास यूपी के नमामि गंगे प्रोजेक्ट की तरह नहीं है। एक ओर पूरी ईमानदारी के साथ दिल्ली में यमुना को स्वच्छ बनाने की दिशा में काम हो रहा है तो यूपी में नमामि गंगे के नाम पर लूट खसोट मची हुई है। कानपुर का बिठूर घाट हो या शाहजहांपुर का मामला, योगीराज में नमामि गंगे परियोजना भ्रष्टाचारियों के कमाई का जरिया बन गई है।
संजय सिंह ने पिछले दिनों आई एनजीटी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। नमामि गंगे के लिए आए बजट का महज 20 प्रतिशत खर्च हो पाने का जिक्र करते हुए सरकार को अकर्मण्य बताया। बोले, गंगा को स्वच्छ बनाने में नाकाम सरकार अपने भ्रष्टाचार और नाकामी को छिपाने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिल्ली सरकार को अपने हिस्से की यमुना साफ करने का सुझाव इसी कोशिश का एक हिस्सा है। संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार की ओर से एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिकता में है। हम सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की हर नदी को अविरल और स्वच्छ बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लगातार सदन में सवाल उठाकर नमामि गंगे परियोजना को भ्रष्टाचार मुक्त कराकर जीवनदायिनी नदी को उसका गौरव लौटाने की कोशिश करता रहा हूं। योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को मेरा सुझाव है कि वह नदियों की स्वच्छता के नाम पर राजनीति न करके इस दिशा में ईमानदारी से काम करे। दिल्ली में यमुना को स्वच्छ बनाने को लेकर जारी प्रयासों से सीखते हुए सूबे की नदियों के कायाकल्प पर काम किया जाए।