Rohini में BJP के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी AAP, CM आतिशी का विजेंद्र गुप्ता को जवाब

Rohini विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह टिप्पणी एलजी साहेब से संबंधित एक विवाद के दौरान की

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को Rohini विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह टिप्पणी एलजी साहेब से संबंधित एक विवाद के दौरान की, जब गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए थे। इस मुद्दे पर सीएम आतिशी का बयान खासा चर्चा में आया, जिसमें उन्होंने गुप्ता से एक और प्रतिक्रिया में कहा कि वह एलजी से संबंधित बस मार्शल की नौकरी बहाल करने की कोशिश करें।

विजेंद्र गुप्ता को दिया जवाब

मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता से कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) Rohini में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यह बयान उन राजनीतिक हलचलों के बीच आया, जहां गुप्ता ने दिल्ली सरकार और एलजी के बारे में बयान दिए थे। इससे पहले, विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार की नीतियों से कई विभागों में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और एलजी साहेब को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

इस पर सीएम आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता को जवाब दिया और कहा कि उनकी पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि Rohini सीट पर भाजपा के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह निर्णय पार्टी की एक रणनीति का हिस्सा है, ताकि भाजपा को चुनावों में कमजोर किया जा सके और दिल्ली के लोगों को सही नेतृत्व प्रदान किया जा सके।

Rohini बस मार्शल विवाद पर टिप्पणी

वहीं, एक और मुद्दे पर सीएम आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता से कहा कि एलजी साहेब से अनुरोध करें कि वह दिल्ली में काम करने वाले बस मार्शल कर्मचारियों को फिर से उनकी नौकरी पर बहाल कर दें। यह मुद्दा दिल्ली सरकार और एलजी के बीच एक लंबे समय से चल रहे विवाद का हिस्सा है। कई बस मार्शल, जो दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में काम कर रहे थे, को एलजी के आदेश के बाद निकाल दिया गया था, जिससे कर्मचारियों और दिल्ली सरकार के बीच विवाद उत्पन्न हुआ।

आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता से कहा कि वह एलजी साहेब से यह अपील करें कि बस मार्शल को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाए, क्योंकि इन कर्मचारियों ने दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। यह बयान दिल्ली सरकार की ओर से एलजी के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर कड़ा संदेश था।

दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच टकराव पहले भी मीडिया में सुर्खियों में रहा है। एलजी के आदेशों और दिल्ली सरकार की नीतियों में कई बार असहमति रही है। इस बार भी बस मार्शल की नौकरी के मुद्दे पर दोनों के बीच मतभेद थे। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह निर्णय जनहित में लिया गया था, जबकि एलजी का कहना था कि यह प्रशासनिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

आतिशी के इस बयान के बाद, यह साफ हो गया कि दिल्ली सरकार एलजी के फैसले के खिलाफ अपने कर्मचारियों के समर्थन में खड़ी है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एलजी के खिलाफ तगड़ा अभियान चला सकती है।

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मुख्यमंत्री आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता को जो बयान दिया, वह दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ है। उन्होंने एक ओर जहां भाजपा के खिलाफ Rohini में चुनावी रणनीति का संकेत दिया, वहीं दूसरी ओर एलजी साहेब से बस मार्शल की नौकरी को बहाल करने की मांग की। इन दोनों मुद्दों ने दिल्ली की राजनीति में और अधिक गर्मी पैदा कर दी है, और आगामी दिनों में यह देखना होगा कि इन दोनों विषयों पर क्या आगे की राजनीति और निर्णय होते हैं।

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