यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अब आधार जरूरी नहीं, इन डाक्यूमेंट्स से भी लगेगा टीका
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) अभियान में तेजी लाने के लिए एक और अहम कदम उठाया है. 18 से 44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण के लिए आधार कार्ड (Adhar Card) की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है. अब कोई भी व्यक्ति निवास का प्रमाणपत्र के रूप में किराया/ लीज़ अनुबंध , बिजली का बिल , बैंक पासबुक और नियोक्ता द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र के आधार पर टीका लगवा सकता है. सरकार की तरफ से सभी ज़िलाधिकारियों को पत्र लिखकर यह निर्देश गए हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्यया की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में रह रहे प्रत्येक परिवार के सदस्य प्रमाणपत्र के रूप में किराया/ लीज़ अनुबंध , बिजली का बिल , बैंक पासबुक और नियोक्ता द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र के आधार पर टीका लगवा सकता है. बता दें प्रदेश के स्थायी व अस्थायी निवासियों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जा रही है.
हाईकोर्ट ने भी पूछे थे ये सवाल
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी कोरोना प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान इस सवाल को उठाया था. कोर्ट ने पूछा दिव्यांगों के वैक्सीनेशन को लेकर राज्य सरकार का क्या प्लान है. जो दिव्यांग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं जा सकते और जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते उनके लिए क्या इंतजाम हैं? कोर्ट ने पूछा गांव में 18 से 45 साल के जो मजदूर हैं, वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते. ऐसे में केंद्र सरकार के पास अशिक्षित ग्रामीणों के लिए वैक्सीनेशन की क्या योजना है?