लखनऊ गैंगवार का एक आरोपी अंबेडकरनगर से हुआ गिरफ्तार
मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या के 14 दिन बाद पुलिस पूरी तरह खुलासा करने के काफी करीब पहुंच गई है।
अजीत की हत्या में शामिल गिरधारी के अलावा तीन अन्य शूटर चंदौली का संदीप उर्फ बाबा, अलीगढ़ का राजेश तोमर और हरियाणा का मुस्तफा उर्फ बंटी थे।
शूटर संदीप को लखनऊ पुलिस ने बुधवार तड़के अंबेडकरनगर में संजय सिंह के नाम के व्यक्ति के घर से गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं अजीत की हत्या के दौरान फायरिंग में अलीगढ़ का 25 हजार रुपए का इनामी बदमाश राजेश तोमर घायल हुआ था।
इसके इलाज के लिए पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने सुलतानपुर के डॉ. एके सिंह को फोन किया था।
राजेश तोमर बागपत जेल में मुन्ना बजंरगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी गिरोह का खास सदस्य है।
6 जनवरी को अजीत सिंह को विभूतिखंड में गोलियों से छलनी कर दिया था। उसके 22 गोलियां मारी गई थी। इस दौरान उसके साथ मौजूद मोहर सिंह भी पैर में गोली लगने से घायल हुआ था।
मोहर की भूमिका को भी पुलिस संदिग्ध मान कर चल रही है। इस हत्याकाण्ड को कमिश्नरेट पुलिस ने चुनौती के तौर पर लिया था। यही वजह थी कि इसमें शामिल शूटर गिरधारी को पकड़ने के लिए कई टीमें लगा दी गई थी।
पुलिस के दबाव में ही गिरधारी ने अपने आका की मदद से नाटकीय तरीके से दिल्ली में गिरफ्तारीकरा ली थी। इस बीच ही पुलिस को घायल शूटर के इलाज से जुड़ी कई जानकारियां मिली थी। इस पर ही पड़ताल आगे बढ़ी तो कई खुलासे होते चले गए।
पुलिस को जब राजेश के बारे में कई जानकारियां मिलने लगी तो कई अपराधियों के नम्बर भी सर्विलांस पर लिए गए।
इस दौरान टीम को एक मुखबिर से पता चला कि इस हत्याकाण्ड में राजेश के साथ मौके पर संदीप उर्फ बाबा भी था। संदीप मूल रूप से चंदौली का रहने वाला है और वह छह साल से हत्या के एक मामले में फरार चल रहा है।
दो दिन पहले वह अंबेडकरनगर में अपने परिचित संजय सिंह के यहां शरण लिए हुए था। पुलिस ने बुधवार तड़के दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उससे पुलिस अफसर पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस सूत्र यह भी बताते हैं कि संदीप से ही पता चला कि तीसरा शूटर मुस्तफा हरियाणा से आया था।
पुलिस ने सुलतानपुर में डॉ. एके सिंह के अस्पताल से जो फुटेज लिया था, उससे शूटर राजेश तोमर का पता चल गया था। पर, इसकी पुष्टि को लेकर संशय था। राजेश ने अस्पताल के रजिस्टर में अपना नाम मनीष लिखवाया था।
यहीं से खुलासा होना शुरू हुआ था कि घटना के समय घायल होने पर राजेश को लखनऊ में रहने वाला विपुल सिंह पहले बस स्टेशन के पास एक अपार्टमेंट में ले गया। फिर चिनहट में रहने वाले डॉ. निखिल सिंह से उसका अपार्टमेंट में इलाज करवाया।
जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी और उसे भर्ती कराने की नौबत आयी तो विपुल ने अपने बेहद करीबी पूर्व सांसद धनंजय सिंह से मदद मांगी। इस पर धनंजय सिंह ने सुलतानपुर के डॉ. एके सिंह को फोन किया था।