उत्तराखंड के लिए खतरे की घंटी: कोविड का आर.नॉट काउंट बढ़कर हुआ 1.17
नई दिल्ली. कोविड-19 (Covid-19) के R- नॉट काउंट ने कोरोना वायरस की थर्ड लहर (Third wave) को लेकर भारत के आठ राज्यों की चिंता बढ़ा दी है. जिनमें उत्तराखंड भी शामिल है. मिशीगन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, भारत के 8 राज्यों में कोविड का आर नॉट काउंट (R Not Count) बढ़कर 1 से ऊपर चला गया है. ये राज्य हैं मिजोरम (1.56), मेघालय (1.27), सिक्किम (1.26), मणिपुर (1.08), केरल (1.2), दिल्ली (1.01), उत्तराखंड (1.17) व हिमाचल प्रदेश. इस रिपोर्ट के पब्लिश होते ही उत्तराखंड में भी चिकित्सा वैज्ञानिकों, एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ गई है.
क्या है R- नॉट काउंट ?
R-नॉट काउंट दर्शाता है कि एक कोविड संक्रमित व्यक्ति कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है. और इससे ये भी पता चलता है कि कोरोना वायरस समाज में कितनी तेजी से फैल रहा है. विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना के फैलाव को नियंत्रित रखने एवं इस महामारी का अंत करने के लिए यह संख्या एक से कम होनी चाहिए.
उन्होंने इसके लिए लोगों की लापरवाही को कारण बताया
उदाहरण के तौर पर आर नॉट काउट 1 का अर्थ है कि जितने लोग संक्रमित हैं, उतने ही लोगों को संक्रमित करेंगे. जबकि आर नॉट काउंट 1.2 का अर्थ है कि 100 संक्रमित लोग अन्य 120 लोगों को संक्रमित करेंगे. जबकि .9 का मतलब है कि 100 व्यक्ति 90 लोगों व .8 का अर्थ है कि 100 संक्रमित लोग 80 लोगों को संक्रमित करेंगें. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने देश में बढ़ते आर नॉट काउंट को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने इसके लिए लोगों की लापरवाही को कारण बताया.
प्रोफेसर रवि कांत ने चेताया कि यदि हम लोगों का रवैया इसी तरह का रहा, तो कोरोना की तीसरी लहर आते देर नहीं लगेगी, जो अपने साथ बड़ी तबाही ला सकती है. जिससे हम सबको जन-धन की बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि आने वाली विभीषिका को रोकना है तो अच्छे से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, बार-बार हाथ को साबुन से धोना या सेनिटाइजर का उपयोग करना और कोरोना का टीका अवश्य लगाना होगा. उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से बचने की भी सलाह दी है.