Sawan 2021: जब 8 लाख की ‘जमानत’ पर लौटे महादेव, जानिए कासगंज के इस मंदिर का रहस्य

कासगंज. यूपी के कासगंज (Kasganj) जिले के तीर्थ नगरी सोरों में महादेव (Mahadev) का एक ऐसा मंदिर है. जहां 8 लाख की ‘जमानत’ पर बाबा भोलेनाथ अपने पुराने मंदिर में वापस लौटे हैं. हम बात कर रहे हैं तीर्थ नगरी सोरों के भागीरथी गुफा के सामने बने वन खंडेश्वर महादेव मंदिर की. जहां करीब 48 वर्ष पूर्व चोरों ने मंदिर से मूर्ति को चुराकर अलीगढ़ ले गए थे, उसके बाद मूर्ति को वापस लाने के लिए तीर्थ नगरी सोरों के भक्तों को 8 लाख की जमानत देनी पड़ी थी.

बता दें कि आज से करीब चार दशक पूर्व 26 फरवरी 1973 को  वन खंडेश्वर महादेव मंदिर की बेहद शिल्पित और 4 फिट ऊंची लंबी मूर्ति को अलीगढ़ के आधा दर्जन चोर चुरा कर ले गए थे. इस अति प्राचीन मूर्ति के चोरी होने से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया था. थाना सोरों में मूर्ति चोरी का अभियोग पंजीकृत कराया गया. बताया जाता है कि मूर्ति को चुराने वाले चोर एक के बाद एक संक्रामक बीमारियों से मरने लगे, घबराए चोरों ने अलीगढ़ के थाना पाली मुकीमपुर में खबर भेजी कि वह उनके द्वारा चोरी की गयी मूर्ति को बरामद कर ले जाएं.

चोरी की वारदात के बीस वर्ष बाद 22 मई 1993 को पाली मुकीमपुर थाना में अभियोग संख्या 59/1993 के अंतर्गत चोरों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्रवाई की गयी थी. तत्पश्चात इस चमत्कारी मूर्ति को पुलिस ने थाना परिसर में ही स्थापित कर दिया था. सोरों वासियों को कैसे भी खबर लग गयी कि उनके यहां से चोरी हुई मूर्ति अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थाना परिसर में स्थापित है. मूर्ति वापस लाने के लिए सोरों और आस पास के कई ग्रामीण भारी संख्या में एकत्रित होकर अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थाने में जा पहुंचे, पर पुलिस ने उन्हें मूर्ति वापस नहीं दी.

कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
मूर्ति पाने की दावेदारी के लिए सोरों वासियों ने अलीगढ़ के अदालत का दरवाजा खटखटाया. वाद संख्या 256/1999 के अंतर्गत चली सुनवाई और पेश किये गए सुबूतों के आधार पर अलीगढ़ की अदालत ने यह तय किया कि 8 लाख रुपये की जमानत पर ही इस मूर्ति को दावेदारों के सुपर्द किया जायेगा. भगवान को पाने के लिए 8 लाख रुपये की जमानत देनी होगी. यह सुनकर यहां के बाशिंदे अवाक रह गए. अदालत के फैसले के बाद 4 जमानतदारों जिनमें श्यामपुरी, शिवपुरी, मुरारी व सुभाष उर्फ पप्पू चौधरी ने अपनी अपनी 2-2 लाख की भूमि को बंधक कराकर आज से 20 वर्ष पूर्व मूर्ति को आजाद कराया था. जिसके बाद बड़े ही हर्षोल्लास के साथ फिर उसी मंदिर में वनखण्डेश्वर महादेव की मूर्ति को पुनः विधि विधान से स्थापित किया गया. जहां से वो चोरी हुए थे, आज भी यहां भगवान वनखण्डेश्वर महादेव जमानत पर चल रहे हैं.

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