UP के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कथित फर्जी डिग्री मामले में फैसला सुरक्षित

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) की कथित फर्जी डिग्री (Fake Degree Case) मामले में सुनवाई के बाद एसीजेएम कोर्ट (ACJM Court) ने फैसला रिजर्व कर लिया है. कोर्ट इस मामले में अब 11 अगस्त को अदालत अपना फैसला सुनायेगी. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़े और पेट्रोल पंप भी हासिल किया.

आरटीआई एक्टिविस्ट और वरिष्ठ भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी की ओर से दाखिल की गई अर्जी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अर्जी में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2007 में शहर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इसके बाद 2012 में सिराथू से भी विधानसभा चुनाव लड़ा और फूलपुर से  2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.

उन्होंने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथमा और द्वितीया की डिग्री लगाई है, जो प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है. डिप्टी सीएम पर आरोप है कि इसी डिग्री के आधार पर उन्होंने इंडियन आयल कॉर्पोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि शैक्षिक प्रमाण पत्र में अलग-अलग वर्ष भी दर्ज है. इनकी कोई मान्यता नहीं है. दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक उन्होंने स्थानीय थाना, एसएसपी से लेकर यूपी सरकार और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

शुक्रवार को हुई सुनवाई में करीब एक घंटे तक बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया है. अब कोर्ट 11 अगस्त को इस मामले में एसीजेएम नम्रता सिंह फैसला सुनाएगी.

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