दिल्ली हाईकोर्ट ने उठाया देशभर के सफाईकर्मियों के हितों से जुड़ा एक ‘अहम कदम’…
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक अहम कदम के तहत केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले द्वारा 28 जुलाई को राज्यसभा में दिए गए जवाब, जिसमें कहा गया कि बीते 5 वर्षों में मैनुअल स्कैवेंजिंग (Manual Scavenging) से कोई मौत का मामला सामने नहीं आया है, को लेकर दायर एक एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने एप्लीकेशन को स्वीकारते हुए मामले में भारत सरकार को भी पक्ष बनाए जाने के आदेश दिए.
दरअसल, मंत्री के बयान के बाद एडवोकेट एवं सोशल एक्टिविस्ट अमित साहनी द्वारा 2019 की एक पेंडिंग याचिका में यह एप्लीकेशन दायर की गई थी. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एप्लीकेशन में उठाई गई मांग को स्वीकार कर लिया और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को मामले में पार्टी बनाने के आदेश जारी कर दिए. साथ ही अदालत ने इस एप्लीकेशन पर भारत सरकार को 13 सितंबर 2021 तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
इस आवेदन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) के राज्यसभा में हाल में दिए उस बयान का जिक्र किया गया है कि पिछले पांच साल में ‘‘मैनुअल स्कैवेंजिंग के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई.’’
एप्लीकेशन में दावा किया गया है कि केंद्रीय राज्यमंत्री द्वारा संसद के ऊपरी सदन में दिया गया बयान ‘‘न केवल झूठा और गुमराह करने वाला है बल्कि यह हाथ से मैला ढोने के कारण जान गंवाने वाले लोगों, उनके परिवारों और अब भी यह काम कर रहे लोगों के प्रति असंवेदनशीलता और उदासीनता को दिखाता है.’’
इसमें कहा गया है कि “भारत सरकार मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 की नीति बनाने और प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में इसके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, जोकि भारत सरकार को इस याचिका के लिए एक आवश्यक पक्ष बनाता है.”
उच्च न्यायालय ने पहले दिल्ली सरकार के अलावा, नगर निकायों, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली छावनी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग से याचिका पर अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा था. अदालत ने टिप्पणी की थी कि सरकार चुनावी विज्ञापनों पर इतना पैसा खर्च करती है और उसे मैनुअल स्कैवेंजिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने पर कुछ राशि खर्च करनी चाहिए, क्योंकि हर साल इस कारण लोग मारे जाते हैं.