Indian Railways: रेलवे में हुआ बड़ा बदलाव, 7 जोन को मिले नए महाप्रबंधक
नई दिल्ली. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से भारतीय रेलवे (Indian Railways) को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोराेना के करण वर्ष 2020 से ही अभी तक रेलवे अपनी ट्रेनों का पूरी तरह से संचालन भी नहीं कर पाई है. ट्रेनों के संचालन नहीं होने की वजह से रेलवे को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस नुकसान की कुछ भरपाई करने के लिए रेलवे लगातार नये प्रयास कर रहा है.
रेलवे की ओर से इस नुकसान की भरपाई करने और राजस्व अर्जित करने के लिए माल लदान पर विशेष बल दिया जा रहा है. बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट पर भी रेलवे पूरा फोकस किए हुए हैं. साथ ही स्क्रैप बिक्री के जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व अर्जित करने का प्रयास सभी रेलवे जोनों की ओर से किया जा रहा है.
इसके अलावा रेलवे की ओर से तमाम प्रोजेक्ट्स, री डेवलपमेंट वर्क, नई रेल लाइन बिछाने से लेकर नये ट्रेन कोच तैयार कराने के अलावा स्टेशनों का पुनर्विकास करने समेत तमाम कार्य भी किए जाने हैं. वहीं रेलवे अपनी दिशा और दशा को बदलने के लिए भी नई रणनीति तैयार कर उस पर काम करने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटा है.
रेलवे अपने मौजूदा बड़े स्टेशनों के रीमॉडलिंग योजना पर भी खास फोकस बनाए हुए हैं. हाल ही में रेलवे की ओर से एयरपोर्ट की तर्ज पर सभी सुविधाओं से लैस गांधीधाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया था. यह उस समय किया गया जब नये रेल मंत्री ने अपना नया पदभार संभाला.
नये रेल मंत्री के आने के बाद कुछ नया करने होने की बेहद उम्मीद
ब्यूरोक्रेसी में अच्छा अनुभव रखने वाले रेल मंत्रीअश्विनी वैष्णवके नेतृत्व में अब रेल मंत्रालय (Rail Ministry) कुछ नया करने की रणनीति तैयार कर रहा है. नये रेल मंत्री के आने के बाद इसको लेकर बेहद उम्मीद भी की जा रही हैं.
18 जोन में से 7 जोनों में नए महा प्रबंधकों की हो चुकी है नियुक्ति
इस बीच देखा जाए तो नए रेल मंत्री के पदभार संभालने के बाद अब रेलवे जोनो में महाप्रबंधक स्तर पर फेरबदल किया जा रहा है. इसको लेकर कवायद भी तेज हो गई है. रेलवे के 18 जोन में से 7 जोनों में नए महा प्रबंधकों की नियुक्ति की जा चुकी है. मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति के सचिवालय की ओर से इन सभी नामों पर हाल ही में मुहर भी लगाई दी गई थी. सभी नियुक्त किए गए नये महा प्रबंधकों ने अपने-अपने जोन में करीब-करीब प्रभार संभाल भी लिया है.
अहम बात यह है कि नए महाप्रबंधकों में उन सीनियर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है जो कि में विभिन्न अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे थे. साथ ही उनके रेलवे में लंबे अनुभव के चलते अब रेलवे जोन की जिम्मेदारी देकर उसको भुनाने की कोशिश की जाएगी.
सेंट्रल रेलवे के नवनियुक्त महाप्रबंधक की बात करें तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना से लेकर भूमि और एयर स्पेस को कमर्शियल रूप से विकसित कराने और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल को विकसित कराने जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाई है.
इतना ही नहीं अनिल कुमार लाहोटी (Anil Kumar Lahoti) ने दिल्ली और नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ को किस तरह से कम किया जा सके इसके लिए आनंद विहार मेगा रेल टर्मिनल (Anand Vihar Mega Rail Terminal) के निर्माण की योजना भी उनके विजनरी सोच का ही नतीजा रहा है. वहीं, लाहोटी स्टेशन डेवलपमेंट आदि को लेकर विशेष अनुभव रखते हैं.
इन जोनों में नियुक्त किये नये रेलवे GMs
इसके अतिरिक्त नॉर्थ सेंट्रल जोन इलाहाबाद के नए महाप्रबंधक आईआरएसईई प्रमोद कुमार ने भी अपना पदभार संभाल लिया है. साउथ वेस्टर्न रेलवे, हुबली के नए महाप्रबंधक आईआरएसएम संजीव किशोर ने भी मंगलवार को अपना पदभार संभाल लिया है. ईस्ट सेंट्रल हाजीपुर के नए महाप्रबंधक के रूप में आईआर एसएमईए शर्मा की नियुक्ति की गई है. साउथ ईस्ट सेंट्रल बिलासपुर के नए महाप्रबंधक के रूप में आईआरएसएम इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर (IRSME) आलोक कुमार को नियुक्त किया गया है
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के भी नये महाप्रबंधक नियुक्त
रेलवे के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई का भी नया महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है. नए महाप्रबंधक के रूप में आईआरएसएमई ए के अग्रवाल को नियुक्त किया गया है. हालांकि अभी उन्होंने अपना नया पदभार नहीं संभाला है. वही रिसर्च डिजाइन और स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) लखनऊ के महानिदेशक का भी तबादला किया गया है. अब नए महानिदेशक के रूप में आईआरएसईई संजीव भूटानी को नियुक्त किया गया है.
क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा देने काे भारत-बांग्लादेश के बीच फ्रेट ट्रेन की शुरुआत
रेल मंत्रालय की ओर से क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा देने की शुरुआत भी की गई है. भारत और बांग्लादेश के बीच क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए फ्रेट ट्रेन की फिर से शुरुआत की गई है. भारत के हल्दीवाड़ी (Haldiwari) से चिल्हाटी (Chilahati) बांग्लादेश रेल लिंक की फिर से शुरुआत की गई है.
भारत और बांग्लादेश के बीच भारतीय रेलवे की ओर से यह पहली गुड्स ट्रेन की शुरूआत की गई है. बताया जाता है कि भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच हर माह करीब 20 फ्रेट ट्रेनों की आवाजाही होगी. इस शुरुआत से दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा. नए महा प्रबंधकों की नियुक्ति के बाद इने वाले कुछ समय में रेलवे में और कई बड़े बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है.