IND vs ENG: विराट कोहली बोले- मैदान पर डर की कोई जगह नहीं, बताया क्यों खुद को मानते हैं बेस्ट
नई दिल्ली. विराट कोहली (Virat Kohli) मैदान पर कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं. उन्हें मौजूदा दौर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है. लेकिन, जब भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricet Team) के कप्तान खुद मैदान पर उतरते हैं, तो वो खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. स्काय स्पोर्ट्स के पार्ट-टाइम कमेंटेटर दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) के साथ बातचीत में कोहली ने अपने खेल के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बात की. मैदान पर अपने निडर रवैये के बारे में कोहली ने कहा कि वह किसी को यह एहसास नहीं देना चाहते हैं कि उन्हें मैदान पर आसानी से पीछे धकेला जा सकता है. कोहली ने कार्तिक से बातचीत में कहा कि जब मैं मैदान पर कदम रखता हूं, तो मुझे यकीन होता है कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं. मैं किसी को भी यह सोचने नहीं देता हूं कि मुझे मैदान पर आसानी से पीछे छोड़ा जा सकता है. यह किसी का अपमान नहीं है, यह मेरा अपनी क्षमताओं पर विश्वास है.
मैदान पर डर और कमजोरी की कोई जगह नहीं: विराट
भारतीय कप्तान का यह भी मानना है कि मैदान पर डर और कमजोरियों के लिए कोई जगह नहीं. क्योंकि एक बार जब कोई खिलाड़ी अपना डर दिखाता है, तो विपक्षी खिलाड़ी उस हालात का फायदा उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं. ऐसे में मैं जितना हो सके निडर रहता हूं. अगर ऐसा करते हुए मैं आउट होता भी हूं, तो मैं अपनी शर्तों पर ऐसा करना चाहूंगा. मैं भी गलती कर सकता हूं और जब अगली बार खेलने आऊंगा, तो मुझे इस बात का एहसास होता है कि इस गलती को दूर करने की जरूरत है.कोहली मानसिक रूप से काफी मजबूत हैं और वो विपक्षी खिलाड़ियों की स्लेजिंग, आलोचना और माइंड गेम से डरते नहीं हैं, बल्कि इन बातों से खुद को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार करते हैं. उनका मानना है कि अगर आपका खुद पर यकीन है, तो आप मैदान पर खास चीजें कर सकते हैं. फिर चाहें हालात कैसे भी हों.
उन्होंने कहा कि मैं मैदान में किसी को गलत साबित करने के लिए नहीं जाता हूं. मैं खुद को ऐसी स्थिति में रखता हूं, जहां मैं विशेष चीजें करना चाहता हूं और खास सीरीज जीतना चाहता हूं. अगर स्टेडियम में 50 हजार लोगों को लगता है कि यह नहीं किया जा सकता है. तो मैं खुद को यह चुनौती दूंगा कि नहीं, यह हो सकता है. मैंने इस बात को कई बार महसूस भी किया है, जब किसी परिस्थिति में हजारों लोगों के संदेह पर मेरा यकीन और विश्वास भारी पड़ा और मैं टीम के लिए खास प्रदर्शन कर पाया.भारत के लिए पिछले तीन इंग्लैंड दौरे अच्छे नहीं रहे हैं. टीम इंडिया को तीनों ही मौकों पर टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है. ऐसे में विराट की अगुवाई में टीम इंडिया इस बार इस नाकामी के दाग को धोना चाहेगी.