भारत बांग्लादेश के बीच 50 साल से बंद पड़े हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेलवे मार्ग पर बहाल हुईं वाणिज्यिक सेवाएं
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल से अधिक समय से बंद पड़े हल्दीबाड़ी – चिलाहाटी रेलवे मार्ग पर वाणिज्यिक सेवाएं रविवार को बहाल हो गईं। भारत से एक मालगाड़ी पड़ोसी देश के लिए रवाना हुई। पढ़ें यह रिपोर्ट…
भारत और बांग्लादेश के बीच हल्दीबाड़ी – चिलाहाटी रेलवे मार्ग पर वाणिज्यिक सेवाएं रविवार को बहाल हो गईं।
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल से अधिक समय से बंद पड़े हल्दीबाड़ी – चिलाहाटी रेलवे मार्ग पर वाणिज्यिक सेवाएं रविवार को बहाल हो गईं। भारत से एक मालगाड़ी पड़ोसी देश के लिए रवाना हुई। बता दें कि यह रेलवे मार्ग सन 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद से बंद हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल 17 दिसंबर को इसे पुन: बहाल किया था। 17 दिसंबर 2020 को इस मार्ग के उद्घाटन के बाद महामारी के चलते कोई ट्रेन नहीं चल सकी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पत्थर की सिल्लियों से लदी 58 डिब्बों वाली मालगाड़ी रविवार सुबह साढ़े दस बजे अलीपुरद्वार के डिमडिमा स्टेशन से निकली। यह गाड़ी हल्दीबाड़ी के रास्ते बांग्लादेश के चिलाहाटी तक गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस रेलवे मांर्ग के अलावा दोनों देशों के बीच और पांच रेलवे लिंक का संचालन होगा। बता दें कि हल्दीबाड़ी से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक की दूरी 4.5 किलोमीटर है जबकि चिलाहाटी से जीरो प्वाइंट की दूरी लगभग 7.5 किलोमीटर है।
चक्रधरपुर मंडल के टाटानगर से बांग्लादेश के बेनापोल के लिए चौथी ऑक्सीजन एक्सप्रेस भेजी गयी। ट्रेन 10 कंटेनरों में 200 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर टाटानगर से रवाना हुई। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की सामान मात्रा वाली पहली, दूसरी और तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें पहले ही बांग्लादेश के बेनापोल पहुंच चुकी हैं, जो टाटानगर से 24 जुलाई, 27 जुलाई और 29 जुलाई को कोविड प्रभावित रोगियों के इलाज के लिए रवाना हुई हैं।
बता दें कि बांग्लादेश ने कोरोना महामारी के व्यापक प्रसार को रोकने के लिए देश में अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश ने 23 जुलाई से 5 अगस्त तक सख्त लॉकडाउन का फैसला किया है। इसके साथ ही बांग्लादेश की सड़कों पर एक बार फिर सेना के जवानों की वापसी हो गई है। इसके साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्य लोगों की गतिविधियों को रोकने के लिए सड़कों पर लौट आए हैं।