जानिए क्यो 200 KM दूर सुप्रीम कोर्ट तक पैदल चल कर गया प्रवीण
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश एटीएस ने पिछले दिनों बहला फुसलाकर इस्लाम कबूल करवाने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस को कई लोगों के नाम पता चले थे, जिनका इन लोगों ने कथित रूप से धर्मांतरण (Conversion) किया था. इसी सूची में पहले मेरठ (Meerut) के रहने वाले प्रवीण कुमार का भी नाम सामने आया था. हालांकि उनका दावा है कि उनका नाम गलत तरीके से आया था. अब यूपी एटीएस ने भी उन्हें क्लीनचिट दे दी है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सामाजिक बहिष्कार समेत अन्य खतरों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसे में अब प्रवीण कुमार अपनी खोई हुई पहचान और सम्मान को वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक की 200 किलोमीटर लंगी यात्रा पैदल तय कर रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वह पैदल सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर वहां अपना सम्मान वापस पाने के लिए याचिका लगाएंगे. इस सफर में उन्हें तेज बारिश समेत अन्य परेशानियों को भी सामना करना पड़ रहा है.
प्रवीण का कहना है, ‘मैं चाहता हूं कि देश यह जाने कि मैं किन हालात से गुजर रहा हूं.’ उनके अनुसार एक दिन वह सोकर उठे तो उन्होंने देखा कि उनके घर के बाहर लिखा था ‘आतंकवादी’ और ‘पाकिस्तान जाओ’. प्रवीण कुमार एक गन्ना मिल में अफसर हैं. उन्होंने अपना सफर मंगलवार को शुरू किया था. उन्हें उम्मीद है कि उनका यह सफर 11 दिन में पूरा हो जाएगा. उनका कहना है, ‘मैं शीर्ष अदालत ने मांग करूंगा कि मेरा नाम स्पष्ट करे. मुझे आशा है कि इसके बात हालात बदलेंगे.’ यूपी एटीएस ने प्रवीण के घर पर 23 जून को छापा मारा था. एटीएस टीम अब्दुल समद को खोज रही थी. उनके पास एक सूची और एक सर्टिफिकेट था, जिसमें इस्लाम कबूलने वालों की जानकारी थी. सर्टिफिकेट में प्रवीण की फोटो लगी थी और नाम अब्दुल समद लिखा था.