महाराष्ट्र में बारिश की आफत, अब तक 129 लोगों की गई जान
महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का कहर के चलते दो दिनों में लोगों की जिन्दगी पर बदासर पड़ा. 129 लोग मूसलाधार बारिश के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, कई मकान तबाह हो चुके हैं।
रत्नागिरी में राहत अभियान जारी:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित महाड़ के लिए रवाना होंगे। वह अपनी यात्रा के दौरान बाढ़ प्रभावित तलाई गांव का भी दौरा करेंगे। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित निचले चिपलूण इलाके में बचाव और राहत अभियान चला रही है। भारी बारिश के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं एनडीआरएफ लोगों के बीच भोजन वितरित कर रही है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल ने उन्हें स्थिति की जानकारी देते हुए किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया।
रायगढ़ में भूस्खलन:
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलाई गांव में कल लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई मकान तबाह हो गए।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। 35 लोगों का इलाज चल रहा है । बता दें कि रायगढ़ में छह स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।
पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ एवं पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है जिससे हुए हादसों में अब तक 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर बड़ा हिस्सा गुरुवार को पूरी तरह जलमग्न हो गया था, जलस्तर कम होने पर वहां हुए नुकसान का भयावहता नजर आने लगी है।