भारत को साल 2022 से पहले नहीं मिल पाएगी मॉडर्ना वैक्सीन: रिपोर्ट
नई दिल्ली. देश के कई राज्यों में इस वक्त कोरोना के वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की कमी है. वैक्सीन की किल्लत के चलते राज्य सरकारों को कई बार वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इस बीच खबर है कि भारत को अमेरिका की कोरोना वैक्सीन मॉडर्ना (Moderna Corona Vaccine ) के लिए अगले साल तक के लिए इंतज़ार करना पड़ सकता है. दरअसल कहा जा रहा है कि साल 2021 तक कंपनी के सारे वैक्सीन की बुकिंग हो चुकी है. लिहाज़ा साल 2022 में ही भारत को मॉडर्ना की सप्लाई मिल सकती है.
बता दें कि सरकार ने विदेशी कंपनियों से कोविड -19 टीकों की खरीद से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. टीम में विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और कानूनी मामलों के अधिकारी हैं.
जानकारी मुताबिक वैक्सीन को लेकर मॉडर्ना से सरकार की बातचीत हुई थी. कंपनी ने टीके की आपूर्ति में दिलचप्सी भी दिखाई, लेकिन वैक्सीन के ऑर्डर साल 2021 के लिए पूरी तरह से बुक हो गए थे. कहा जा रहा है कि मॉडर्ना ने भारत में टीकों के उत्पादन के लिए भी रुचि दिखाई. फिलहाल जहां तक वैक्सीन की बात है वो अगले साल ही मिल पाएगी.
भारत में वैक्सीन
फिलहाल में भारत ने कोरोना के तीन टीके लगाए जा रहे हैं. ये हैं- कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक .उपलब्ध कराए हैं. अब तक देशभर में 42 करोड़ से ज्यादा टीके की डोज़ लगाई जा चुकी है. पूरे वयस्क आबादी को पूरी तरह से टीका लगाने के लिए साल के अंत तक इसे और 1.5 बिलियन खुराक की आवश्यकता है. सरकार ने कहा है कि इस के आखिर तक देश में सभी को कोरोना की वैक्सीन लग जाएगी.
फ़ाइज़ का भी इंतज़ार
फाइजर वैक्सीन को 96 देशों में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है, जबकि मॉडर्ना वैक्सीन को 63 में इस्तेमाल किया जा रहा है. फाइज़र के साथ भी भारत सरकार की बातचीत चल रही है. लेकिन इसकी डोज़ कब देश को मिलेगी इसके बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं बताया गया है. बता दें कि मॉडर्ना और फाइज़ दोनों कोरोना के पुराने वेरिएंट के खिलाफ 95 फीसदी से ज्यादा प्रभावी है.