आप भी लेते हैं “कीटो डायट” तो इसे ज़रूर पढ़ें वरना…..
आजकल खुद को फिट रखने का मतलब अंदरूनी स्वास्थ की जगह बाहर शरीर की शेप का सही होना भर रह गया है। ऐसे में ज़्यादा चर्बी होने पर युवा वजन और फैट कम करने के शॉर्टकट तरीके ढूंढते हैं। ऐसा ही एक शॉर्टकट और असरदार तरीका है कीटो डाइट या फैट डाइट। पर इस शॉर्टकट में अगर कुछ ज़रूरी चीज़ो का ध्यान न रखा जाए तो कीटो डाइट शरीर को फायदा देने की जगह उल्टा नुकसान करती है। तो आइए जानते हैं कीटो डाइट के समय क्या और कैसे करना चाहिए।
क्या है कीटो डाइट
कीटो डाइट लो कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट होती है। इस डाइट के सेवन से शरीर ऊर्जा के उत्पादन के लिए लीवर में कीटोन पैदा करता है। जब आप अधिक कार्बोहाइड्रेट अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो शरीर ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन करता है। चूंकि, शरीर ग्लूकोज को प्राथमिक ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है, इसलिए भोजन में मौजूद फैट आपका शरीर संग्रहित कर लेता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहा जाता है। इस वजह से वजन घटाना आसान हो जाता है। कीटो डाइट प्लान में फैट का सेवन अधिक, प्रोटीन का मीडियम और कार्बोहाइड्रेट का कम सेवन किया जाता है। कीटो डाइट प्लान में लगभग 70 फीसदी फैट, 25 फीसदी प्रोटीन, और 5 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए।
क्या खाएं क्या न खाएं
कीटो डाइट फूड को शाकाहारी व मांसाहारी दोनों ही व्यक्ति खा सकते हैं। कीटो डाइट फूड लिस्ट में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन आप कर सकते हैं, जो आपकी पसंद का हो। कीटो मील प्लान में मांसाहारी व्यक्ति मछली, मटन, चिकन और अंडे शामिल कर सकते हैं। शाकाहारी लोग (कीटो डाइट प्लान वेज) पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, मशरूम, शिमला मिर्च, फ्रेंच बीन्स, फूलगोभी का सेवन कर सकते हैं। चूंकि, कीटो डाइट मील प्लान में फैट हाई मात्रा में होता है, इसलिए कीटो डाइट मेन्यू में मुख्य रूप से पनीर, उच्च वसायुक्त क्रीम और मक्खन का इस्तेमाल करना चाहिए। कीटो डाइट फूड का सेवन करने के दौरान मूंगफली का तेल, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, नारियल तेल, जैतून के तेल, उच्च वसा वाले सलाद का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
डाइट को बनाना है कमाल, इनका रखें ख़ास ख्याल
1. कार्बोहायड्रेट की मात्रा को खाने में सबसे कम रखें
2. अपनी डाइट में नारियल के तेल को ज़्यादा से ज़्यादा शामिल करें।
3. अपनी दिनचर्या में व्यायाम को वक़्त दें, शारीरिक अभ्यास बढ़ाएं।
4. फैट डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा गुड फैट शामिल करने की कोशिश करें।
5. प्रोटीन की मात्रा अपने खाने में अच्छी रखें।
6. अपने शरीर के कीटोन लेवल को समय समय पर चेक करते रहे और उसके अनुसार डाइट रखें।
कीटो डाइट के नुकसान
1. कीटो डाइट का एक दुष्परिणाम यह है कि इसके साथ आपको पर्याप्त फाइबर और पोषक तत्व नहीं मिल पाते और कार्बोहाइड्रेट भी कम लिया जाता है, जिसका सीधा प्रभाव आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे आपको पाचन संबंधी समस्या, खास तौर से कब्ज का सामना करना पड़ सकता है।
2. इस डाइट को जब आप शुरु करते हैं, शरीर को इसकी आदत नहीं होती, अत: सुस्ती और थकान का अनुभव होना आम बात है। कुछ समय बाद जब आपका शरीर इसका आदी होता है, तब आप सामान्य अनुभव करते हैं।
3. इससे आपको शरीर की मांसपेशियों में अकड़न, खिंचाव और थकान जैसी समस्या हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण इलेक्ट्रोलाइट में गड़बड़ी होना है। कार्बोहाइड्रेट की कमी से यह समस्या हो सकती है।
4. कीटो डाइट में आपको भूख कम लगती है विभिन्न पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। कई मामलों में कीटो डाइट के चलते शरीर में विटामिन्स की कमी सामने आती है।
5. सिरदर्द, जी मचलाना, भारीपन लगना या उल्टी जैसा मन होना कीटो डाइट के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए इन नुकसानों को जानने के बाद ही कीटो डाइट अपनाने का निर्णय लें।