पेगासस केस पर स्वामी-दिग्विजय
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पेगासस स्पायवेयर से कथित जासूसी मामले में सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसी बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल साफ है कि पेगासस स्पायवेयर एक कमर्शियल कंपनी है, जो पेड कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम करती है। इसलिए यह सवाल लाजमी है कि ऑपरेशन के लिए उन्हें किसने पैसे दिए? भारत सरकार नहीं तो कौन? भारत की जनता को सच्चाई से वाकिफ कराना मोदी सरकार का फर्ज है।’
इसके बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि पेगासस एक प्रोडक्ट है, NSO इजराइल की कर्मिशियल कंपनी है। आपके पसंदीदा देशों में से एक। आप इकलौते व्यक्ति हैं, जो मोदी-शाह और NSO से वो फैक्ट निकाल सकते हैं, जो आप जानना चाहते हैं। उन्हें किसने भुगतान किया? यह सवाल लाजमी है।
इजराइली PM को चिट्ठी लिखें मोदी : स्वामी
वहीं, स्वामी ने कहा कि अगर हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वह इजराइली प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखें और NSO पेगासस प्रोजेक्ट का पता लगाएं। यह भी पता लगाया जाए कि इसके लिए किसने खर्च किया।
क्या है पूरा मामला?
2019 में राज्यसभा में तीखी बहस की वजह रहा पेगासस स्पायवेयर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी की है। इन लोगों में पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल हैं। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर के जरिए इन लोगों के फोन हैक किए थे। हालांकि, सरकार ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया है।
पेरिस की एक संस्था फॉरबिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल के पास करीब 50 हजार फोन नंबर्स की एक लिस्ट है। इन संस्थानों का दावा है कि ये वो नंबर है, जिन्हें पेगासस स्पायवेयर के जरिए हैक किया गया है।इन दोनों संस्थानों ने इस लिस्ट को दुनियाभर के 16 मीडिया संस्थानों के साथ शेयर किया है। हफ्तों के इन्वेस्टिगेशन के बाद खुलासा हुआ है कि अलग-अलग देशों की सरकारें पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, बिजनेसमैन, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और वैज्ञानिकों समेत कई लोगों की जासूसी कर रही हैं।इस सूची में भारत का भी नाम है। न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों की जासूसी की गई है उनमें 300 भारतीय लोगों के नाम शामिल हैं। जासूसी के लिए इजराइली कंपनी द्वारा बनाए गए स्पायवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया है।
केंद्र सरकार की सफाई
इस पूरे मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और अपने नागरिकों के निजता के अधिकार के लिए पूरी तरह समर्पित है। सरकार पर जो जासूसी के आरोप लग रहे हैं वो बेबुनियाद हैं।
कंपनी ने कहा- हम निजी कंपनियों से डील नहीं करते
पेगासस को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि वो किसी निजी कंपनी को यह सॉफ्टवेयर नहीं बेचती है, बल्कि इसे केवल सरकार और सरकारी एजेंसियों को ही इस्तेमाल के लिए देती है। इसका मतलब है कि अगर भारत में इसका इस्तेमाल हुआ है, तो कहीं न कहीं सरकार या सरकारी एजेंसियां इसमें शामिल हैं।