CM योगी की बिना सवालों वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस:11 मिनट तक केवल भाषण दिया,
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष पर कई आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जासूसी कांड और संसद में हंगामे को लेकर मंगलवार को बिना सवालों वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। योगी ने 11 मिनट 16 सेकंड तक केवल भाषण दिया। पत्रकारों का सवाल नहीं लिया। उत्तर प्रदेश के मुद्दों पर भी एक शब्द नहीं बोले। योगी ने अपने भाषण में जासूसी कांड को विपक्ष की अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा बताया। कहा कि ये संसद सत्र न चलने देने की साजिश है। योगी ने कहा संसद सत्र में किसानों, गरीबों के मुद्दे पर चर्चा होने वाली थी, लेकिन विपक्ष ये नहीं चाहता।
योगी ने अपने भाषण में विपक्ष पर 5 बड़े आरोप लगाए
1. जासूसी कांड विपक्ष की अंतर्राष्ट्रीय साजिश
योगी बोले, कांग्रेस सरकार अपने समय में जिस तरीके से हरकतें करती रही है आज विपक्ष में रहकर भी उसी मंसूबों के साथ आगे बढ़ रही है। कोरोनाकाल के दौरान देश के अंदर इस तरीके के दूषित वातावरण का माहौल प्रस्तुत करने का काम विपक्ष ने किया है। दुर्भाग्य है कि संसद सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले इस प्रकार की (जासूसी कांड) का सनसनीखेज अफवाह फैलाकर एक दूषित वातावरण बनाने की कोशिश हो रही है। विपक्ष एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।
2. अमेरिकी राष्ट्रपति के आने पर भी साजिश की थी
मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष इन साजिशों से भारत को किसी न किसी प्रकार से अस्त-व्यस्त करना चाहती है। यह कोई पहली घटना नहीं है, याद करिए जो 2020 की शुरूआत में जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत दौरे पर थे तब भी इस तरह की साजिश हुई। दिल्ली में भीषण दंगा कराया गया। तमाम विपक्षी दलों के लोगों की संलिप्तता उस दंगे में देखी गई।
3. WHO ने भारत को सराहा, विपक्ष ने बदनाम किया
योगी बोले, कोरोनाकाल में मैनेजमेंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत की काफी सराहना की, लेकिन विपक्ष ने पूरी दुनिया में भारत को बदनाम किया। भारत के अंदर विपक्ष ने एक ऐसा माहौल बनाया जैसे सरकार सभी चीजों से अनभिज्ञ है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने और भारत को अस्थिर करने की कोशिश की गई। जब भी देश के अंदर कोई भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है उससे पहले विपक्ष किसी न किसी साजिश का शिकार होकर के देश के खिलाफ हो रहे षडयंत्र का हिस्सा बन जाता है।
4. विपक्ष को गरीब, पिछड़ों और दलितों का मंत्री बनना पसंद नहीं आया
मुख्यमंत्री ने संसद सत्र में हंगामा करने पर भी विपक्ष को घेरा। कहा, मंत्रिमंडल विस्तार के साथ प्रधानमंत्री के द्वारा नए मंत्रियों का परिचय संसद सदस्यों से कराया जाता है। ये नियम है, लेकिन इस बार विपक्ष के हंगामे के चलते ऐसा नहीं हो पाया। ऐसा इसलिए भी क्योंकि विपक्ष को गरीबों, पिछड़ों और दलितों का मंत्रिमंडल में शामिल होना पसंद नहीं आया। ये लोग दलितों और पिछड़ों को आगे बढ़ता नहीं देख सकते। इन्होंने देश की आजादी के बाद से कभी भी नेतृत्व दलितों और पिछड़ों को नहीं दिया।
5. युवाओं, किसानों, गरीबों का मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है विपक्ष
योगी ने कहा, ‘संसद के महत्वपूर्ण सत्र में युवाओं, गरीबों, महिलाओं, किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने से बचने के लिए विपक्ष इस तरह से हंगामा कर रहा है। इस सत्र में कोरोना महामारी को लेकर चर्चा होती, वैक्सीनेशन ड्राइव पर बात होने वाली थी, लेकिन विपक्ष ये नहीं चाहता है। विपक्ष इसके जरिए देश को तोड़ना चाहता है। उनके इन मंसूबो को जनता कभी पूरा नहीं होने देगी। जैसे 2019 में जनता ने इन्हें जवाब दिया उसी तरह अब भी जवाब देगी। विपक्ष को आम लोगों से माफी मांगनी चाहिए।