Covid-19: सरकारी आकड़ों का दावा- 60 में से 18 गंभीर साइड इफेक्ट के मामले वैक्सीन से ही हुए

नई दिल्ली.देश भर मे को लेकर आकड़ें पेश किए थे. अब स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर कुछ और डेटा जारी किए गए हैं. सरकार ने कहा है कि 60 में 18 साइड इफेक्ट के केस वैक्सीन से ही हुए. जबकि बाक़ी बचे 42 मामले किसी और वजह से हुए. विज्ञान की भाषा में ऐसे साइड इफेक्ट को एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है. ऐसे डेटा का मकसद है भविष्य में किसी भी वैक्सीन से होने वेले साइड इफेक्ट को कम करना.

AEFI के इस डेटा के लिए 16 जनवरी 2021 से लेकर 19 मार्च 2021 तक के आंकड़े लिए गए. इस दौरान डेटा के लिए लोगों को रैंडमली सेलेक्ट किया गया. यानी साइड इफ्केट वाले किसी भी उम्र या जगह से केस स्टडी के लिए डेटा लिए गए. डेटा में मौत के बारे में कहा गया है कि सभी मौते आकस्मिक हुई और इसे वैक्सीन से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश दुष्प्रभाव टीकाकरण के बाद चिंता से संबंधित थे.

मंत्रालय की AEFI रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 में से 55 केस टीकाकरण से ऐसे ही जुड़े थे. इनमें से 36 केस वैक्सीन को लेकर चिंता संबंधी प्रतिक्रियाएं थीं और 18 वैक्सीन उत्पाद संबंधी प्रतिक्रियाएं थीं और एक को दोनों के रूप में वर्गीकृत किया गया था – वैक्सीन उत्पाद से संबंधित और चिंता संबंधित प्रतिक्रिया. पांच मामलों में टीकाकरण के लिए असंगत कारण संबंध पाए गए हैं (संयोग से – टीकाकरण से जुड़ा नहीं)

बता दें कि AEFI के डेटा पिछले महीने जारी किए गए थे. इशके तहत कहा गया था कि वैक्सीन लगने के बाद भरमें488 लोगों की मौत हुई है, जबकि इस दौरान 26 हजार लोग गंभीर रूप से बीमार हुए. ये डेटा 16 जनवरी से लेकर 7 जून तक के थे. इस दौरान 26200 AEFI के केस आए हैं. यानी इसे अगर प्रतिशत में देखा जाए तो ये सिर्फ 0.01 फीसदी है. दूसरों शब्दों में इसे इस तरह समझा जा सकता है कि 143 दिनों के अंदर 10 हजार लोगों में से सिर्फ एक आदमी पर वैक्सीन का ज्यादा साइड इफेक्ट दिखा,

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