मानसून सत्रः कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का मंत्रालयों को पत्र, जल्द लागू करें लंबित पड़े कानून

नई दिल्ली. अगले सप्ताह से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) से पहले केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी मंत्रालयों को पत्र लिखा है. पत्र में कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सत्र के दौरान पारित होने वाले सभी विधेयकों से संबंधित अधीनस्थ कानूनों (नियमों) को देख लें और प्राथमिकता के आधार पर अगले दो महीनों में इन्हें लागू करें, ताकि जिस मकसद से कानून बनाए जा रहे हैं, वे पूरा हो सकें.

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में 23 बिल पेश करेगी. इनमें 6 बिल पहले भी पेश हो चुके हैं, जबकि 17 नए बिल पेश किए जाएंगे. लोकसभा में जो बिल पेश किए जाएंगे, उनमें तीन बिल अध्यादेश को बदलने के लिए होंगे. दूसरी ओर जो 17 नए बिल पेश किए जाएंगे, उनमें द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक, 2021, इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल 2021 और द पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (संशोधन) बिल 2021 शामिल हैं.

संसद से पारित जिन कानूनों को अभी तक लागू नहीं किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) है, जिसको लागू किए जाने का इंतजार है. इसे दिसंबर 2019 में संसद ने पारित किया था. गृह मंत्रालय ने पिछले महीने संसदीय समिति CAA को लागू करने के लिए एक महीने का समय और मांगा था. इससे पहले मंत्रालय को सीएए लागू करने के लिए 9 अप्रैल और 9 जुलाई 2021 की समय सीमा दी गई थी.

कैबिनेट सचिव ने कहा कि कुछ मामलों में मंत्रालय संबंधित कानून के लागू होने के बाद नियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, ऐसे में कानूनों को अधिसूचित किए जाने में बहुत समय लगता है. पत्र के मुताबिक, “यह कहना जरूरी नहीं है कि अधीनस्थ कानूनों और नियमों को अधिसूचित करने में देरी के चलते कानून को लागू किए जाने की प्रक्रिया पर काफी प्रभाव पड़ता है और जिस उद्देश्य से कानून बनाए जाते हैं, वे पूरे नहीं होते हैं.” गौबा ने कहा कि कानूनों और नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए, खासतौर पर कानून लागू होने के दो महीने के भीतरपत्र में मंत्रालय और विभागों को यह सलाह दी गई है कि लंबित नियमों की अधिसूचना को पूरा करने के लिए स्पष्ट समय सीमा के साथ एक कार्य योजना तैयार की जाए और निगरानी की जाए कि सभी कानून पूरे प्रभाव में लागू हैं.

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