किड्स कॉर्नर:एक्सपर्ट से जानें बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के साथ कैसे रखें आंखों का ख्याल, मोबाइल की ब्राइटनेस नॉर्मल रखें, लेटकर पढ़ाई न करने को भी कहें
कोरोना के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। सरकार ने फिलहाल स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी है। इस कारण बच्चों की क्लासेस ऑनलाइन लग रही हैं। इस समय टीचर्स बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। वे स्टडी मटेरियल भी ऑनलाइन ही मुहैया करा रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रहे। यही वजह है कि बच्चों के लिए घर ही उनका क्लास रूम बन गया है। ऑनलाइन स्टडी के लिए बच्चों को कम्प्यूटर या लैपटाॅप देना पैरेंट्स की मजबूरी है। लेकिन रोजाना तीन-चार घंटे इन गैजेट्स के जरिए पढ़ना बच्चाें की सेहत और आंखों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पैरेंट्स की जिम्मेदारी
अभिभावक बच्चों का टाइम टेबल बनाएं और उसी हिसाब से उनकी क्लास के समय ही मोबाइल, लैपटाप व टीवी देखने का समय तय करें। इस दौरान उनकी आंखों का ख्याल रखने के लिए उनके पौष्टिक आहार और स्क्रीन की तरफ टकटकी लगाकर देखते रहने की आदतों का भी ध्यान रखें। पढा़ई के दौरान बच्चों को कहें कि टकटकी लगाकर पढ़ने के बजाय कुछ अंतराल में पलकें झपकाते रहें। टीचर्स जो असाइनमेंट दें, उसे टीचर्स से समझें और बच्चों को असाइनमेंट व होमवर्क पूरे कराएं। इसका विशेष ध्यान रखें कि स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों को आंखों में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है।
ऐसी होना चाहिए डाइट
खानपान का आंखों व सेहत पर काफी असर होता है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आंवला, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, चुकंदर, आम, पपीता, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, अखरोट, अंडे और मछली बच्चों को खिलाएं। इनमें पोषक तत्व पाए जाते हैं।
यह भी ध्यान रखें
ऑनलाइन स्टडी करते हुए बच्चे अपनी पलकें बार-बार झपकाएं।40 मिनट पढ़ाई की तो 40 सेकंड आंखों को रेस्ट दें।ऑनलाइन स्टडी के बाद अभिभावक बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी करवाएं।मोबाइल के बजाय लैपटाप व कम्प्यूटर पर पढ़वाएं।मोबाइल और कंप्यूटर की ब्राइटनेस नार्मल हो।स्टडी के दौरान कमरे में पर्याप्त रोशनी हो।मोबाइल की आंखों से दूरी दो फीट हो।लेटकर पढ़ाई न करें और गर्दन सीधी रखें।आंखों में जलन होेने पर ठंडे पानी से धोएं और बीच-बीच में व्यायाम करें।