Bullet train के दौड़ने में क्यों हो रही देरी, रेलवे अफसरों ने बताई इसकी वजह
हालांकि Bullet train परियोजना किन्ही कारणों से 2023 तक नहीं दौड़ पाएगी। (Pti)
Rail Minister अश्विनी वैष्णव इन दिनों Indian railways के हर उस प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहे हैं जो मोदी सरकार के मेगा प्लान का हिस्सा रही हैं। इनमें अहमदाबाद और मुंबई के बीच महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन (Ahmedabad Mumbai Bullet Train) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Rail Minister अश्विनी वैष्णव इन दिनों Indian railways के हर उस प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहे हैं, जो मोदी सरकार के मेगा प्लान का हिस्सा रही हैं। इनमें अहमदाबाद और मुंबई के बीच महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन (Ahmedabad Mumbai Bullet Train) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। हालांकि Bullet train परियोजना किन्ही कारणों से 2023 तक नहीं दौड़ पाएगी। रेल अफसरों ने इसकी वजह भी बताई है।
उनके मुताबिक Covid mahamari और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की धीमी रफ्तार से MAHSR (मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल) परियोजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पूरी परियोजना पर महामारी के सटीक प्रभाव का पता लगाने के बाद संशोधित डेडलाइन पर काम किया जाएगा।
एक समीक्षा बैठक के दौरान, मंत्री को बुलेट ट्रेन कार्यान्वयन एजेंसी, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के प्रबंध निदेशक ने परियोजना की रफ्तार के बारे में बताया। बाद में वैष्णव ने Tweet किया-एनएचएसआर के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री के साथ अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड लाइन के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
1,035 हेक्टेयर भूमि का हुआ अधिग्रहण
अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के लिए जरूरी कुल 1,396 हेक्टेयर भूमि में से अब तक, 1,035 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक 74 फीसदी भूमि अधिग्रहण हुआ है, जिसमें से 96 प्रतिशत गुजरात में और 25 फीसदी महाराष्ट्र में अधिग्रहित की गई है। केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली से परियोजना के लिए जरूरी भूमि में से 96 प्रतिशत का अधिग्रहण कर लिया गया है।
स्टेशन बनाने के ठेके दिए
अधिकारियों ने बताया कि संरेखण के 92 प्रतिशत (351 किलोमीटर में से 325 किलोमीटर) और पांच स्टेशनों के निर्माण के लिए सिविल कार्य के ठेके गुजरात और दादरा नगर हवेली में दिए गए हैं और क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जहां करीब 2000 लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत भूमि, निर्माण के लिए ठेकेदारों को पहले ही सौंपी जा चुकी है।
साबरमती रोलिंग स्टॉक डिपो के लिए ठेका अगले साल
अधिकारियों ने कहा कि उम्मीद है कि गुजरात में शेष आठ प्रतिशत संरेखण और शेष तीन स्टेशनों के लिए ठेके इस वर्ष के अंत तक दे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि साबरमती रोलिंग स्टॉक डिपो के लिए ठेका अगले साल की शुरुआत में दिया जाएगा।