कुदरत का करिश्मा: प्रशांत महासागर में मिला दुर्लभ ‘ग्लास ऑक्टोपस’, वीडियो देख हो जाएंगे दंग

वाशिंगटन,: जितने गहरे राज इस धरती और अंतरिक्ष में दफन है। उतने ही गहरे राज समंदर में छिपे हुए हैं। अक्सर आपने समुद्र के अंदर रहने वाले दुर्लभ जीवों के बारे में पढ़ा होगा या फिर उनकी सोशल मीडिया पर तस्वीरें देखीं होगी। अब ऐसे ही एक दुर्लभ ऑक्टोपस के बारे में बताने जा रहा है, जो आम ऑक्टोपस की तुलना में बिल्कुल अलग है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस दुलर्भ ‘ग्लास ऑक्टोपस’ को प्रशांत महासागर में देखा गया है, जिसकी तस्वीरें और वीडियो जारी की गई है।

दुर्लभ ‘ग्लास ऑक्टोपस’ की वीडियो जारी

तस्वीर देखकर आप भी एक बार अचंभित हो गए होंगे। तस्वीरें दुलर्भ ‘ग्लास ऑक्टोपस’ की है, जो कांच की तरफ बिल्कुल पारदर्शी दिखाई दे रहा है। इस ग्लास ऑक्टोपस की फोटो और वीडियो अमेरिका की स्मिथ ओशियन इंस्टीट्यूट से जुड़े वैज्ञानिकों ने जारी की है, जो प्रशांत महासागर में देखे गए थे। इस ऑक्टोपस की केवल आंखों की नस, आईबॉल्स और पाचन नली दिखती है। बताया जा रहा है कि इस ग्लास ऑक्टोपस के शरीर के आसानी से आर-पार देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो

डेली मेल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत महासागर में हाल ही में एक अभियान के दौरान गहरे समुद्र के वैज्ञानिकों ने एक अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ और भयानक दिखने वाले ‘ग्लास ऑक्टोपस’ की तस्वीर खींची। इस अनोखे जीव की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। इसकी खोज के लिए वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर के फीनिक्स आइलैंड पर लगभग 34 दिन बिताए। बता दें कि फीनिक्स आइलैंड दुनिया के सबसे बड़े कोरल इकोसिस्टम में से एक है।

साल 1918 में पहली बार लगा पता

रिपोर्ट के मुताबिक इस ग्लास ऑक्टोपस का नाम विट्रेलेडोनेला रिचर्डिक (Vitreledonella Richardi) है। बताया जाता है कि साल 1918 में पहली बार इस पारदर्शी ऑक्टोपस के बारे में जानकारी लगी थी। हालांकि इसे ग्लास ऑक्टोपस भी कहा जाता हैं। इस दुलर्भ जीव की फोटो लेने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने 30,000 किलोमीटर से ज्यादा के हाई-रिजॉल्यूशन सीफ्लोर मैपिंग की। उन्होंने पांच अतिरिक्त सीमाउंट का कैमरा एक्सप्लोरेशन भी किया।

पूरे शरीर की लंबाई 45 सेंटीमीटर

ऐसा कहा जाता है कि इस अभियान से पहले ऑक्टोपस की तस्वीरें और लाइव फुटेज बहुत दुर्लभ थे। इसका मतलब था कि वैज्ञानिकों को पहले के अभियानों में खोजे गए अध्ययनों और नमूनों पर निर्भर रहना पड़ा। वहीं रिपोट्स की मानें तो शिकारियों से बचने के लिए ऑक्टोपस अपने अंग इस तरह से व्यवस्थित हैं कि इसकी परछाई की लंबाई कम बने। ग्लास ऑक्टोपस की लंबाई 11 सेंटीमीटर होती है। वहीं पूरे शरीर की लंबाई 45 सेंटीमीटर बताई गई है।
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महासागर में चमत्कार!

स्मिथ ओशियन इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक वेंडी स्मिथ ने संगठन की ओर से जारी एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि महासागर में चमत्कार और वादे हैं जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की है। इस तरह के अभियान हमें सिखाते हैं कि हमें हर जगह समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने और बेहतर ढंग से समझने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि समुद्र में शुरू होने वाली जीवन की महान श्रृंखला मानव स्वास्थ्य और भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।

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