रामदेव ने फिर साधा एलोपैथी इलाज पर निशाना, जानिए क्या कहा
गाजियाबाद के मोदीनगर में सीकरी कला गांव स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट सेंटर के उद्घाटन के दौरान स्वामी रामदेव के एक बार फिर एलोपैथी इलाज को लेकर डॉक्टरों पर तंज कसा है. उन्होंने समारोह में एक बार फिर एलोपैथी के खिलाफ विवादित बयान दिया है. उन्होंने खुले मंच से कहा है कि डॉक्टर्स को जो सिलेबस पढ़ाया जाता है उसका सिलेबस देश का ड्रग माफिया तैयार करता है, जिसको एलोपैथी में एविडेंस बेस्ड रिसर्च कहते है.
रामदेव ने एलोपैथी की पढ़ाई को ड्रग इंडस्ट्री का सिलेबस बताकर एक बार फिर नया विवाद खड़ा कर दिया है. रामदेव ने कहा है कि उनको जो रिसर्च पढ़ाई जाती है उसे भी ड्रग इंडस्ट्री तैयार करती है. रामदेव ने कहा कि अगले 6 महीने तक हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ में जगह नहीं है. रामदेव ने दावा किया है कि अब तक 5 करोड़ से ज्यादा से ठगी हो चुकी है, जिसके शिकार आईएएस और आईपीएस भी हो चुके है. रामदेव ने बताया कि तीन दिन पहले ही उन्हें राजनाथ सिंह के सेक्रेटरी के खुद के साथ हुई ठगी की जानकारी दी है, जिससे साफ है कि ऐसे लोगो से भी ठगी हो रही है.वहीं इस दौरान मंच पर बागपत लोकसभा से बीजेपी सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह मोदीनगर नगर पालिका से बीजेपी चेयरमैन अशोक महेश्वरी मोदीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक डॉ मंजू सिवाच मौजूद रहे. मंच पर मौजूद बीजेपी विधायक डॉ मंजू सिवाच पेशे से लेडीज डॉक्टर होने के बावजूद भी रामदेव के इन बेतुके बयानों का विरोध नहीं कर सकी और चुपचाप बैठे हुए सुनती रहे.
रामदेव की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, जानें क्या है मांग
योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर उनके विवादित बयान के बाद अलग-अलग राज्यों में दर्जनों एफआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. योग गुरु रामदेव की ओर से याचिका से जुड़े तमाम दस्तावेज और सीडी सुप्रीम कोर्ट में देर रात जमा कराई गईं. सुप्रीम कोर्ट अब याचिका पर सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस एन वी रमना ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें कल रात 11 बजे ही रामदेव की ओर से भारी संख्या में दस्तावेज और सीडी मिले हैं, इसलिए उनको देखने में समय लगेगा और वो अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे. एलोपैथी पर बयान देने के कारण दर्ज हुई अलग-अलग FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की योग गुरु रामदेव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. वहीं दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बाबा रामदेव की अर्जी का विरोध किया है. एसोसिएशन ने अपनी अर्जी में कहा है कि बाबा रामदेव को कोई भी राहत नहीं दी जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि रामदेव ने एलोपैथी की छवि इसलिए खराब की ताकि वो अपनी दवा “कोरोनिल” को बढ़ावा दिला सकें.
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने अर्जी में इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग भी की है. दरअसल बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एलोपैथी/डॉक्टर को लेकर दिए उनके बयान को लेकर अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुई FIR पर रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही सभी मामलों का ट्रायल दिल्ली शिफ्ट करने की भी मांग की है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को कहा था कि जो कुछ भी उन्होंने एलोपैथी और डॉक्टरों के लिए कहा है, उसे अदालत में दाखिल करें.